Source: Times of India
Dated: Apr 17, 2025
Jaipur: Rajasthan High Court Wednesday quashed criminal proceedings against Pramod Kumar Sharma, the sole accused in a bribery case registered by anti-corruption bureau (ACB) in which DIG Bharatpur, Lakshman Gaur, was initially under the scanner but was later given a clean chit. Sharma was booked under Section 7A of Prevention of Corruption (Amendment) Act, 2018, on allegations that he collected a bribe from a police station house officer on behalf of DIG Gaur. However, ACB later filed a closure report, stating that no role of DIG Gaur was found during investigation. Sharma then moved High Court to seek quashing of the case, arguing that proceedings against him could not be sustained in absence of any public servant named as an accused. ... Read More
Source: Times of India
Dated: Apr 17, 2025
While rejecting the request, the court recorded the submission of Rajasthan's additional advocate general Shiv Mangal Sharma, who argued that applications for renewal and extension of mining leases were already being processed. He said these applications were being reviewed for statutory clearances in line with the court's May 9, 2024 judgment. The court has scheduled the next hearing for May 26. ... Read More
Source: Hindusthan Samachar
Dated: Apr 16, 2025
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि पूर्व में राज्य सरकार ने एसीबी कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर पूर्व आईएएस जीएस संधू सहित अन्य के खिलाफ लंबित मुकदमे को वापस लेने की गुहार की थी। जिसे एसीबी कोर्ट ने खारिज कर दिया था। एसीबी कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की गई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने दलील दी कि अभियोजन वापस लेने का पूर्व का निर्णय औचित्यहीन है और मौजूदा राज्य सरकार आरोपियों के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर केस को आगे बढाना चाहती है। वहीं राज्य सरकार को यह अधिकार है कि यदि जांच में कोई कमी, गलती या जांच दोषपूर्ण है तो वह न्याय के लिए उस संबंध में पूर्व में लिए गए निर्णय पर भी पुनर्विचार कर सकती है। ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Apr 16, 2025
राज्य सरकार की ओर से एएसजी एसवी राजू, एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष लोक अभियोजक अनुराग शमां ने पैरवी की। राज्य सरकार ने दलील दी कि अभियोजन वापस लेने का पूर्व का निर्णय अब औचित्यहीन है और मौजूदा राज्य सरकार आरोपियों के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर केस को आगे बढ़ाना चाहती है। वहीं राज्य सरकार को यह अधिकार है कि ... Read More
Source: Zee Rajasthan#Jaipur: एकल पट्टा प्रकरण में रिवीजन याचिका के मामले में सुनवाई#LatestNews #RajasthanNews #RajasthanWithZee pic.twitter.com/tm6IrDAkLN
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) April 16, 2025
Source: ETV Bharat
Dated: Apr 16, 2025
कोर्ट में दिया ये तर्कः राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि पूर्व में राज्य सरकार ने एसीबी कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर पूर्व आईएएस जीएस संधू सहित अन्य के खिलाफ लंबित मुकदमे को वापस लेने की गुहार की थी. इसे एसीबी कोर्ट ने खारिज कर दिया था. एसीबी कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की गई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने दलील दी कि अभियोजन वापस लेने का पूर्व का निर्णय औचित्यहीन है और मौजूदा राज्य सरकार आरोपियों के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर केस को आगे बढ़ाना चाहती है. वहीं, राज्य सरकार को यह अधिकार है कि यदि जांच में कोई कमी, गलती या जांच दोषपूर्ण है तो वह न्याय के लिए उस संबंध में पूर्व में लिए गए निर्णय पर भी पुनर्विचार कर सकती है, इसलिए उन्हें रिवीजन याचिका वापस लेने की मंजूरी दी जाए. ... Read More
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Apr 16, 2025
बुधवार (16 अप्रैल) की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवीराजू, अपर महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा, तथा विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा राज्य की ओर से उपस्थित हुए. उन्होंने अदालत को अवगत कराया कि अभियोजन वापस लेने का पूर्व निर्णय अब औचित्यहीन है और वर्तमान सरकार आरोपितों के विरुद्ध उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा आगे बढ़ाना चाहती है. हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के पश्चात, राज्य द्वारा पुनरीक्षण याचिका वापस लेने के आवेदन तथा शिकायतकर्ता अशोक पाठक द्वारा उच्च न्यायालय में पक्षकार बनने हेतु प्रस्तुत आवेदन पर आदेश सुरक्षित रख लिया है. ... Read More
First India News#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण
— First India News (@1stIndiaNews) April 16, 2025
मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में शुरू हुई सुनवाई, अशोक पाठक को पक्षकार बनाए जाने को लेकर बहस कल हो चुकी पूरी...#RajasthanHighCourt @vyaskamalkant pic.twitter.com/dcMIwbV9j6
Source: First India
Dated: Apr 16, 2025
The Rajasthan High Court on Tuesday heard the high-profile Ekal Pat-ta case involving alleged land allotment irregulari-ties. A special single bench led by CJ MM Srivastava heard argu-ments on whether Ashok Pathak should be includ ed as a respondent. Senior advocates, including Vi-vek Raj Singh Bajwa and S.S. Hora, represented former Minister Shanti Dhariwal and others, while state counsel included ASG SV Raju and AAG Shivmangal Sharma. Pathak's team argued in favor of his inclusion. The bench reserved its decision, with the next hearing set for 12 noon on Wednesday. ... Read More
First India Newsजयपुर: बहुचर्चित एकल पट्टा मामला
— Times Of Desert (@timesofdesert) April 15, 2025
मामले में आज राजस्थान HC में होगी सुनवाई
दोपहर 12 बजे से होगी हाईकोर्ट में सुनवाई
अशोक पाठक को पक्षकार बनाए जाने और नहीं बनाए जाने को लेकर होगी बहस
चीफ जस्टिस MM श्रीवास्तव की विशेष एकलपीठ में होगी सुनवाई
पूर्व मंत्री शांति धारीवाल व अन्य की ओर से…
First India Newsबहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में हाईकोर्ट में सुनवाई आज
— First India News (@1stIndiaNews) April 15, 2025
आज दोपहर 12 बजे होगी राजस्थान हाईकोर्ट में होगी सुनवाई, अशोक पाठक को पक्षकार बनाए जाने और नहीं बनाए जाने को लेकर होगी...#Jaipur #RajasthanWithFirstIndia #RajasthanHighCourt @vyaskamalkant pic.twitter.com/msFqYKoLyf
First India News#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण
— First India News Rajasthan (@1stIndiaNewsRaj) April 15, 2025
मामले में आज राजस्थान हाईकोर्ट में होगी सुनवाई, दोपहर 12 बजे से होगी हाईकोर्ट में सुनवाई, अशोक पाठक को पक्षकार बनाए..#RajasthanWithFirstIndia #RajasthanHighCourt @vyaskamalkant pic.twitter.com/NDeWb5ADnq
First India News#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण
— First India News (@1stIndiaNews) April 15, 2025
मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में शुरू हुई सुनवाई, अशोक पाठक को पक्षकार बनाए जाने और नहीं बनाए जाने को लेकर बहस...#RajasthanWithFirstIndia #RajasthanHighCourt @vyaskamalkant pic.twitter.com/kinS8w8W1e
First India News#Jaipur बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण मामले में राजस्थान हाई कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) April 15, 2025
अशोक पाठक को पक्षकार बनाने के मुद्दे पर चल रही बहस, चीफ जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की विशेष एकलपीठ में चल रही सुनवाई...@MaheshP54481902 #LatestNews #RajasthanNews #RajasthanWithZee pic.twitter.com/1OpmKOTaAk
First India Newsबहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण, कल दोपहर 12 बजे फिर होगी मामले पर सुनवाई | High Court | Jaipur News #FINVideo #RajasthanWithFirstIndia #RajasthanNews #RajasthanHighCourt #Jaipur pic.twitter.com/P4tVgQ9QkZ
— First India News Rajasthan (@1stIndiaNewsRaj) April 15, 2025
First India News#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण
— First India News (@1stIndiaNews) April 15, 2025
मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, अशोक पाठक को पक्षकार बनाए जाने को लेकर बहस पूरी...#RajasthanWithFirstIndia @vyaskamalkant pic.twitter.com/BDvnmneWhJ
First India Newsबहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण, राजस्थान हाईकोर्ट में शुरू हुई सुनवाई | Rajasthan High Court#FINVideo #RajasthanWithFirstIndia #RajasthanNews #RajasthanHighCourt #Jaipur pic.twitter.com/ShSBLX7vkK
— First India News Rajasthan (@1stIndiaNewsRaj) April 15, 2025
First India Newsबहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण, मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में हुई सुनवाई | Rajasthan High Court #FINVideo #RajasthanWithFirstIndia #RajasthanNews #RajasthanHighCourt #Jaipur #ShantiDhariwal pic.twitter.com/EpBOgtrgxl
— First India News Rajasthan (@1stIndiaNewsRaj) April 15, 2025
Source: Vishikha Media
Dated: Apr 13, 2025
जयपुर: राजस्थान सरकार ने वक्फ (संशोधन) एक्ट को लेकर एक अहम कदम उठाया है। देशभर में इस संशोधित वक्फ बिल को लेकर चल रहे विवादों के बीच, भजनलाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इसमें सरकार ने खुद को इस मामले में पक्षकार बनाए जाने की अनुमति मांगी है। उल्लेखनीय है कि 16 अप्रैल को इस एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होनी है। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कानूनी सलाह के आधार पर विस्तार से हस्तक्षेप का मसौदा तैयार कर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। इसमें सरकार का पक्ष है कि वह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन की प्रमुख कार्यकारी इकाई है, और इस संशोधन का उद्देश्य पारदर्शिता, जवाबदेही और भूमि विवादों को रोकना है। ... Read More
Source: Tarun Chhattisgarh
Dated: Apr 14, 2025
सरकार बोली- मनमाने ढंग से वक्फ घोषित करने पर लगे रोक इस कानून का उद्देश्य सरकारी और निजी भूमि को मनमाने ढंग से वक्फ संपति घोषित करने की प्रवृति पर रोक लगाना है। प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपतियों के कानूनी एवं न्याय संगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। ... Read More
Source: Aap Ka Rajasthan
Dated: Apr 14, 2025
सरकार ने दी ये दलील राज्य सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के जरिए सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप अर्जी दाखिल की है। उन्होंने सरकार से कानूनी सलाह लेने के बाद हस्तक्षेप का विस्तृत मसौदा तैयार कर दाखिल किया है। सरकार का कहना है कि वह वक्फ संपत्तियों के प्रशासन के लिए मुख्य कार्यकारी इकाई है और इस अधिनियम में किए गए सुधार पारदर्शिता, जवाबदेही और भूमि विवादों की रोकथाम के उद्देश्य से किए गए हैं। सरकार ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा है कि अधिनियम में किसी भी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले 90 दिन की सार्वजनिक सूचना और आपत्ति प्रक्रिया जारी करना अनिवार्य किया गया है, ताकि आम आदमी के अधिकारों की रक्षा हो सके। राजस्थान सरकार ने यह भी तर्क दिया कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता या समानता के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता है, जैसा कि असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर याचिका सहित कुछ याचिकाओं में दावा किया गया है। ... Read More
Source: Udaipur Times
Dated: Apr 14, 2025
The Rajasthan government has approached the SC in support of the new law. The State government has filed an application requesting the Court to include it as a party in the petitions filed against the law. Through Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, the Rajasthan government has submitted a plea stating that there are a large number of Waqf properties in the state, and the State administration plays a significant role in their governance and regulation. The application defends the Amendment Act as a transparent and constitutionally sound reform. It emphasises that the Act was passed after extensive consultations at the national level. Its objective is to curb the arbitrary practice of declaring government and private lands as Waqf properties. ... Read More
Source: The News Thikana
Dated: Apr 14, 2025
जयपुर। राजस्थान में भजनलाल सरकार ने एक महत्वपूर्ण कानूनी कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उसने स्वयं को वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली लंबित याचिकाओं में पक्षकार बनाए जाने की अनुमति मांगी है। इन याचिकाओं में सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर याचिका भी शामिल है, जिन पर बुधवार, 16 अप्रैल को सुनवाई निर्धारित है। राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में यह हस्तक्षेप याचिका तैयार कर दाखिल की है, ने बताया कि राजस्थान सरकार ने अपने आवेदन में यह तर्क दिया है कि वक़्फ़ संपत्तियों के प्रशासन और नियमन की प्रमुख कार्यकारी प्राधिकरण होने के नाते उसका इस मामले में प्रत्यक्ष, ठोस और विधिक रूप से संरक्षित हित है। ... Read More
Source: Mahatvapoorna
Dated: Apr 13, 2025
जयपुर : देशभर में वक्फ (संसोधन) कानून को लेकर बवाल जारी है। पश्चिम बंगाल के कई जिलों में इस कानून को लेकर भड़की हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई। उधर, 16 अप्रैल को वक्फ (संसोधन) एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होनी है। इससे पहले, राजस्थान की भजनलाल सरकार ने वक्फ (संसोधन) कानून को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल करके खुद को इन याचिकाओं में पक्षकार बनाने की अनुमति की मांग की है। सरकार ने दिया ये तर्क राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया गया है। उन्होंने सरकार की कानूनी सलाह लेकर विस्तार से हस्तक्षेप का प्रारूप तैयार किया और दाखिल किया। सरकार का कहना है कि वह वक्फ संपत्तियों के प्रशासन की प्रमुख कार्यकारी इकाई है और इस अधिनियम में किए गए सुधार पारदर्शिता, जवाबदेही और भूमि विवादों की रोकथाम के उद्देश्य से किए गए हैं। ... Read More
Source: The Law Advice
Dated: Apr 14, 2025
The Rajasthan government, led by the BJP, has approached the Supreme Court seeking to defend the recent amendments to the Waqf Act, which have come under legal challenge. Several petitions—including one filed by AIMIM chief Asaduddin Owaisi—are scheduled for hearing before the apex court on Wednesday. Speaking to NDTV, the state's Additional Advocate General, Shiv Mangal Sharma, said, “Rajasthan has substantial Waqf properties. After due deliberation, the state has decided to intervene, requesting that no decision be taken without affording it a proper hearing.” Sources indicate that other states may also follow suit and file similar applications to present their positions before the court. ... Read More
Source: Bhilwara Halchal
Dated: Apr 14, 2025
मनमाने ढंग से वक्फ घोषित करने पर लगे रोक इस कानून का उद्देश्य सरकारी और निजी भूमि को मनमाने ढंग से वक्फ संपति घोषित करने की प्रवृति पर रोक लगाना है। प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपतियों के कानूनी एवं न्याय संगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। ... Read More
Source: News Track
Dated: Apr 14, 2025
संशोधन अधिनियम 2025 सरकारी और निजी भूमि को मनमाने ढंग से वक़्फ़ संपत्ति घोषित करने पर रोक लगता है। वहीं इस मनमाने ढंग से वक़्फ़ घोषित करने पर लगी रोक को लेकर के प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सरकार से राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपतियों के कानूनी एवं न्याय संगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र भी दाखिल किया है। सरकार का मानना है कि वक़्फ़ कानून में संशोधन पारदर्शिता और संविधान को सुरक्षित रखने और उसमें सुधार का एक तरीका है। ... Read More
Source: Agra Bharat
Dated: Apr 14, 2025
नई दिल्ली: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के समूह में खुद को भी एक पक्षकार के रूप में शामिल करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राजस्थान सरकार की ओर से महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है, जिस पर 16 अप्रैल को सुनवाई होने की संभावना है। राजस्थान सरकार ने अपने आवेदन में कहा है कि यह कानून राज्य की जनता और स्वयं राज्य के हित में है। चूंकि राजस्थान सरकार वक्फ बोर्ड का संचालन करती है, इसलिए वह भी इस मामले में एक महत्वपूर्ण और प्रभावित पक्ष है। सरकार का तर्क है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार का पक्ष भी सुना जाना चाहिए। ... Read More
Source: Hindustan Mirror News
Dated: Apr 13, 2025
भजनलाल सरकार का रुख: ‘इतिहासिक सुधारों का बचाव करना चाहता हूं’ राजस्थान सरकार ने साफ किया है कि वह इस कानून का विरोध नहीं बल्कि इसका समर्थन करने सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सरकार का कहना है कि वह वक्फ कानून में किए गए ऐतिहासिक सुधारों का संरक्षण और बचाव करना चाहती है। राजस्थान के महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने यह अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। राज्य सरकार की ओर से यह हस्तक्षेप आवेदन कानूनी सलाह और विस्तृत विमर्श के बाद दाखिल किया गया। ... Read More
Source: Mahanagar Times
Dated: Apr 14, 2025
राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं में खुद को भी पक्षकार बनाए जाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने यह प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया है, जिस पर 16 अप्रैल को सुनवाई निर्धारित है। राजस्थान सरकार ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया है कि वह वक्फ बोर्ड का संचालन करती है, अतः वह इस मुद्दे में सीधे तौर पर प्रभावित पक्ष है। सरकार का कहना है कि अधिनियम 2025 जनता और राज्य के हित में है और इस पर निर्णय लेने से पहले उसका पक्ष भी सुना जाना चाहिए। राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि उसे वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और विनियमन में प्रमुख कार्यकारी प्राधिकरण होने के कारण विधिक रूप से संरक्षित अधिकार प्राप्त हैं। इसलिए वह इस मामले में हस्तक्षेप कर रही है ताकि कानून की विधायी मंशा, संवैधानिक औचित्य और प्रशासनिक हकीकतों को न्यायालय के सामने रखा जा सके। ... Read More
Source: Law Chakra
Dated: Apr 14, 2025
Jaipur: The Rajasthan government, led by the BJP, has filed a petition in the Supreme Court of India to support the Waqf Amendment law, which is currently facing legal challenges. Several petitions, including one by AIMIM chief Asaduddin Owaisi, have questioned the constitutional validity of this law. “Rajasthan government has substantial Waqf properties. So after due deliberation, the state has decided to file a petition saying no decision be taken without hearing them out,” -said Shiv Mangal Sharma, the Additional Advocate General of Rajasthan, in a statement to media. ... Read More
Source: Bhaskar English
Dated: Apr 14, 2025
Amendment does not violate religious freedom Additional Advocate General Shivmangal Sharma informed the Supreme Court, "The government has filed a petition to become a party to protect state interests and legal and just operation of religious trust properties. The government believes that the amendment to the Waqf law is a transparent and constitutionally valid reform." ... Read More
Source:
NDTV Rajasthan
Dated: Apr 13, 2025
Source:
SPN9News
Dated: Apr 14, 2025
Source: Prayagraj Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Ballia Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Ahmedabad Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Nagpur Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Jhansi Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Ajmer Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Jamshedpur Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Udaipur Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Bikaner Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Gwalior Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Jaipur Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Agra Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Firozabad Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Jamshedpur Vocals
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। ... Read More
Source: Aaj Tak
Dated: Apr 14, 2025
राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के समूह में स्वयं को पक्षकार बनाने की अनुमति मांगी है. राजस्थान सरकार की ओर से महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने यह प्रार्थना पत्र सुप्रीम कोर्ट में पेश किया है, जिस पर 16 अप्रैल को सुनवाई होगी. राजस्थान सरकार का कहना है कि यह कानून जनता और राज्य के हित में है. चूकि राजस्थान सरकार वक्फ बोर्ड का संचालन करती है, इसलिए वह भी इस मामले में प्रभावित पक्ष है. आखिरकार वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार का पक्ष भी सुना जाना चाहिए. ... Read More
Source: Jagran
Dated: Apr 14, 2025
सरकार बोली- मनमाने ढंग से वक्फ घोषित करने पर लगे रोक इस कानून का उद्देश्य सरकारी और निजी भूमि को मनमाने ढंग से वक्फ संपति घोषित करने की प्रवृति पर रोक लगाना है। प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपतियों के कानूनी एवं न्याय संगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। ... Read More
Source: Rajasthan One
Dated: Apr 14, 2025
राजस्थान सरकार का हस्तक्षेप का प्रारूप तैयार राजस्थान सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा द्वारा इस आशय का एक हस्तक्षेप का प्रारूप तैयार करके दाखिल कर दिया गया है। इस प्रारूप का अभिप्राय यह है कि राजस्थान सरकार अपने राज्य की समस्त वक्फ संपत्तियों की प्रमुख कार्यकारी इकाई है। इसके साथ ही इस वक्फ(संशोधन) एक्ट में किए गए सुधार, पारदर्शिता, जवाबदेही तथा भूमि विवादों की रोकथाम के उद्देश्य प्राप्त करने हेतु जनहित में किए गए हैं। ... Read More
Source: Khas Khabar
Dated: Apr 14, 2025
राज्य सरकार ने कहा है कि वह इस कानून में किए गए ऐतिहासिक और संविधान सम्मत संशोधनों का समर्थन और बचाव करना चाहती है, क्योंकि राजस्थान में भी वक्फ बोर्ड द्वारा सैकड़ों एकड़ भूमि पर दावा किया गया है। सरकार का तर्क है कि यह संशोधन सरकारी व निजी भूमि को मनमाने ढंग से वक्फ संपत्ति घोषित करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए जरूरी है। संशोधन की प्रमुख बातें : अब किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने से पहले 90 दिन का सार्वजनिक नोटिस जारी करना अनिवार्य होगा। इस दौरान आमजन और संभावित प्रभावित पक्षों को आपत्ति दर्ज कराने का मौका मिलेगा। सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर कहा है कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 25 और 26 का उल्लंघन नहीं करता। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Apr 14, 2025
वक्फ (संशोधन) अधिनियम-2025 को लेकर संसद और उसके बाहर राजनीति के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में कानूनी बहस को तेज करने की तैयारी है। राजस्थान सरकार नए कानून के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राज्य सरकार ने प्रार्थना पत्र पेश कर सुप्रीम कोर्ट से इस कानून खिलाफ दायर याचिकाओं में पक्षकार बनाने का आग्रह किया है। इन याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई होनी है। सांसद असदुद्दीन ओवेसी सहित अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिकता को चुनौती दी है। इनमें पक्षकार बनने के लिए राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा के जरिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया है। इसमें कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियां हैं, जिनके प्रशासन व विनियमन में राज्य प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका है ... Read More
Source: First India
Dated: Apr 14, 2025
The Bhajan Lal government of Rajasthan has decided to approach the Supreme Court, seeking to become a party in the petitions challenging the Waqf Amendment Act-2025. For this, the state government has formally requested permission to be included as a party in the ongoing legal proceedings. The application on behalf of the state government was presented by Additional Advocate General Shivmangal Sharma. ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Apr 14, 2025
"We have asserted that the govt has a direct, substantial, and legally protectable interest in the matter, being the primary executive authority responsible for the administration and regulation of Waqf properties within Rajasthan. The intervention seeks to present the legislative intent, constitutional justification, and administrative realities behind the Amendment Act, 2025, which was passed after extensive national consultations," said Shiv Mangal Sharma, Additional Advocate General. ... Read More
Source: Hindustan Times
Dated: Apr 14, 2025
The application for intervention on behalf of the State of Rajasthan has been filed by Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, who has also drawn and settled the intervention application before the Supreme Court. Sharma said the Rajasthan government in its application, asserts that it has a direct, substantial, and legally protectable interest in the matter, being the primary executive authority responsible for the administration and regulation of Waqf properties within the State. The intervention seeks to present the legislative intent, constitutional justification, and administrative realities behind the Amendment Act, 2025, which was passed after extensive national consultations. ... Read More
Source: The Indian Express
Dated: Apr 14, 2025
The Bhajan Lal Sharma-led Rajasthan government has approached the Supreme Court seeking to implead itself as a party in the ongoing batch of petitions challenging the constitutional validity of the Waqf (Amendment) Act, 2025. The petitions — including one filed by MP Asaduddin Owaisi — are listed for hearing on Wednesday. The application for intervention on behalf of the state of Rajasthan has been filed on legal advice and after consultation with Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, who has also drawn and settled the intervention application before the Supreme Court. ... Read More
Source: Free Press Journal
Dated: Apr 14, 2025
Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, who has also drawn and settled the intervention application before the Supreme Court said that the Rajasthan Government, in its application, asserts that it has a direct, substantial, and legally protectable interest in the matter, being the primary executive authority responsible for the administration and regulation of Waqf properties within the State. The intervention seeks to present the legislative intent, constitutional justification, and administrative realities behind the Amendment Act, 2025, which was passed after extensive national consultations.* ... Read More
First India News#BreakingNews वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 में पक्षकार बनेगी सरकार@RajGovOfficial #LatestNews #RajasthanNews #RajasthanWithZee pic.twitter.com/lkKAmtcukA
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) April 13, 2025
First India NewsRajasthan की भजनलाल सरकार ने किया Supreme Court का रुख | Rajasthan Governement #FINVideo #RajasthanWithFirstIndia #RajasthanNews #RajasthanGovernement #BhajanlalSharma #SupremeCourt #WaqfBillAmendment @RajGovOfficial pic.twitter.com/IrG0Efxu09
— First India News Rajasthan (@1stIndiaNewsRaj) April 13, 2025
First India News#BreakingNews राज्य सरकार ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख,वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 में पक्षकार बनेगी सरकार
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) April 13, 2025
#LatestNews #RajasthanNews #RajasthanWithZee pic.twitter.com/CK8IkaufIg
First India News#Delhi: प्रदेश की भजनलाल सरकार ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
— First India News (@1stIndiaNews) April 13, 2025
वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 में पक्षकार बनेगी राजस्थान सरकार, अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं में पक्षकार.... #FirstIndiaNews #DelhiNews @BhajanlalBjp @vyaskamalkant pic.twitter.com/FeRQY9F8mw
First India News#Delhi: राजस्थान सरकार की सुप्रीम कोर्ट में याचिका
— First India News (@1stIndiaNews) April 13, 2025
केंद्र सरकार द्वारा पारित वफ्फ संशोधन विधेयक 2025 के समर्थन में याचिका, सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार ने पेश... #FirstIndiaNews #DelhiNews @RajGovOfficial pic.twitter.com/HmapPMOsQu
Source: Bhaskar
Dated: Apr 13, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया- सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा और धार्मिक न्यासीय संपत्तियों के कानूनी और न्यायसंगत संचालन के पक्षकार बनने का प्रार्थना पत्र दायर किया है। क्योंकि सरकार का मानना है कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शी और संविधान सम्मत सुधार है। संयुक्त संसदीय समिति ने 284 से अधिक हितधारकों (जिसमें 25 राज्य वक्फ बोर्ड, 15 राज्य सरकारें, सामाजिक संगठनों व विधि विशेषज्ञों) के विचारों को शामिल करते हुए सर्वसम्मति से समर्थन प्रदान किया। यह संशोधन राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक परामर्श के बाद पारित किया गया है। ... Read More
Source: Jaipur Times
Dated: Apr 13, 2025
वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर देशभर में छिड़ी बहस के बीच राजस्थान की भजनलाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं में स्वयं को पक्षकार बनाने के लिए हस्तक्षेप याचिका दाखिल की है। यह याचिका अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई। राज्य सरकार का कहना है कि वह वक्फ संपत्तियों के प्रशासन की प्रमुख इकाई है, और यह अधिनियम पारदर्शिता, जवाबदेही और भूमि विवादों की रोकथाम के उद्देश्य से लाया गया है। सरकार ने यह भी कहा है कि कानून के तहत किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने से पहले 90 दिन का सार्वजनिक नोटिस और आपत्ति प्रक्रिया अनिवार्य की गई है, जिससे आमजन के अधिकारों की रक्षा हो सके। ... Read More
Source: NDTV
Dated: Apr 13, 2025
राजस्थान सरकार के महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने दी अर्जी राजस्थान राज्य की ओर से हस्तक्षेप हेतु यह आवेदन विधिक सलाह लेने और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा से विस्तृत चर्चा के बाद दाखिल किया गया है, जिन्होंने स्वयं इस हस्तक्षेप आवेदन को तैयार कर माननीय सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है. राजस्थान सरकार ने अपनी अर्जी में क्या कुछ कहा राजस्थान सरकार ने अपने आवेदन में कहा है कि उसे इस मुद्दे में सीधा, महत्वपूर्ण और विधिक रूप से संरक्षित हित प्राप्त है, क्योंकि राज्य वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और विनियमन हेतु प्रमुख कार्यकारी प्राधिकरण है. यह हस्तक्षेप आवेदन अधिनियम 2025 के पीछे की विधायी मंशा, संवैधानिक औचित्य और प्रशासनिक वास्तविकताओं को माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के उद्देश्य से दायर किया गया है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक परामर्श के बाद पारित किया गया था. ... Read More
Source: Patrika
Dated: Apr 13, 2025
सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सरकार की कानूनी सलाह लेकर विस्तार से हस्तक्षेप का प्रारूप तैयार किया और दाखिल किया। इसमें सरकार का पक्ष है कि वह वक्फ संपत्तियों के प्रशासन की प्रमुख कार्यकारी इकाई है और इस अधिनियम में किए गए सुधार, पारदर्शिता, जवाबदेही और भूमि विवादों की रोकथाम के उद्देश्य से किए गए हैं। कानून धार्मिक स्वतंत्रता का नहीं करता उल्लंघन राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि अधिनियम के जरिए किसी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले 90 दिन का सार्वजनिक नोटिस और आपत्ति की प्रक्रिया अनिवार्य की गई है, जिससे आमजन के अधिकार सुरक्षित रह सकें। यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता या समानता के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता, जो कि असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है। ... Read More
Source: Rajasthan NDTV
Dated: Apr 13, 2025
राज्य सरकार अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के माध्यम से सुप्रीमकोर्ट में हस्तक्षेप आवदेन दायर किया गया है. उन्होंने सरकार की कानूनी सलाह लेकर विस्तार से हस्तक्षेप का प्रारूप तैयार किया और दाखिल किया. सरकार का कहना है कि वह वक्फ संपत्तियों के प्रशासन की प्रमुख कार्यकारी इकाई है और इस अधिनियम में किए गए सुधार पारदर्शिता, जवाबदेही और भूमि विवादों की रोकथाम के उद्देश्य से किए गए हैं. सरकार ने विशेष रूप से यह भी कहा है कि अधिनियम के जरिए किसी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले 90 दिन का सार्वजनिक नोटिस और आपत्ति की प्रक्रिया अनिवार्य की गई है, जिससे आमजन के अधिकार सुरक्षित रह सकें. राजस्थान सरकार ने यह तर्क भी दिया कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता या समानता के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता, जैसा कि कुछ याचिकाओं जिनमें असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर याचिका भी शामिल है में दावा किया गया है. ... Read More
Source: The Indian Express
Dated: Apr 09, 2025
The Rajasthan government on Tuesday informed the Supreme Court that it is “actively considering” a complete ban on mining activities up to 10 kilometres from the outer boundary of the historic Chittorgarh Fort, seeking time to place on record its affidavit. The statement was made by Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, appearing on behalf of the state, before a bench comprising Justice Pankaj Mithal and Justice S V Bhatti. ... Read More
First India News#Delhi: चित्तौड़गढ़ किले के 10KM के दायरे में खनन पर लगाई जा सकती है रोक
— First India News (@1stIndiaNews) April 8, 2025
सुप्रीम कोर्ट में चित्तौड़ किले के आसपास के क्षेत्र में खनन पर रोक मामले में हुई सुनवाई, राजस्थान सरकार की तरफ से उपस्थित... #FirstIndiaNews #DelhiNews pic.twitter.com/4PbwTRyMCX
First India News#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण
— First India News (@1stIndiaNews) April 8, 2025
शांति धारीवाल से जुड़ा एकल पट्टे का मामला, प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई...#RajasthanWithFirstIndia @vyaskamalkant pic.twitter.com/GM1TKNbVVS
Source: The Times of India
Dated: Apr 08, 2025
The plan follows the apex court's March 17 directions, which called for a scientifically-backed compensatory wetland creation scheme. Additional advocate general Shiv Mangal Sharma, who appeared alongside solicitor general Tushar Mehta in the matter, confirmed that the apex court has accepted the proposal. The court also acknowledged the state's commitment, made through the chief secretary's affidavit, to remove structures within the Seven Wonders Park and adjacent food court area near Ana Sagar Lake within six months. ... Read More
Source: First India
Dated: Apr 08, 2025
In a significant develop-ment in the Ajmer Ana Sagar Lake matter, the Supreme Court on Mon-day accepted the Rajast-han government's pro-posal to develop an ad-ditional wetland in the area. The proposal had been submitted through an affidavit filed by the District Collector of Ajmer on behalf of the state government. Solicitor General Tushar Mehta and Rajasthan's Additional Advocate General Shivmangal Sharma appeared before the court in the matter. However, the Supreme Court has yet to deliver a decision regarding spe-cific constructions around the lake, includ-ing cases related to Patel Stadium and Gandhi Smriti Udyan. ... Read More
Source:
First India News
Dated: Apr 07, 2025
First India News#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण
— First India News (@1stIndiaNews) April 7, 2025
पूर्व मंत्री शांति धारीवाल से जुड़ा एकल पट्टा मामला , प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई...#RajasthanWithFirstIndia @vyaskamalkant pic.twitter.com/VWP4WHBDgg
First India News#Jaipur: पूर्व मंत्री शांति धारीवाल से जुड़ा एकल पट्टा मामला
— First India News (@1stIndiaNews) April 7, 2025
प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई, मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की विशेष एकलपीठ में होगी सुनवाई...#RajasthanWithFirstIndia @vyaskamalkant pic.twitter.com/oovTLEUdTt
First India News#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण
— First India News (@1stIndiaNews) April 7, 2025
पूर्व मंत्री शांति धारीवाल से जुड़ा एकल पट्टा मामला, प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट में आज 3.30 बजे सुनवाई...#RajasthanWithFirstIndia #ShantiDhariwal @vyaskamalkant pic.twitter.com/d8UTSI89jl
First India News#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण
— First India News (@1stIndiaNews) April 6, 2025
पूर्व मंत्री शांति धारीवाल से जुड़ा एकल पट्टा मामला, प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट में कल होगी सुनवाई, मुख्य न्यायाधीश... #RajasthanWithFirstIndia #JaipurNews @vyaskamalkant pic.twitter.com/K4MFp7GPJz
ZEE Rajasthan#Jaipur एकल पट्टा मामले में हाईकोर्ट में चल रही है सुनवाई
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) April 7, 2025
मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव की विशेष पीठ कर रही मामले की सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हाईकोर्ट में हो रही है सुनवाई, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल की तरफ से अधिवक्ता स्वदीप सिंह होरा, सीनियर एडवोकेट वीआर बाजवा कर…
Nation27#Ajmer: आनासागर झील मामला
— Nation27 (@nation27_) April 7, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के प्रस्ताव को किया स्वीकार, अतिरिक्त वेटलैंड विकसित करने के...#RajasthanWithNation27 #BreakingNews #LatestNews @Dmajmer @RajGovOfficial pic.twitter.com/bxqv1q6LAl
First India News#Delhi: अजमेर आनासागर झील मामला
— First India News (@1stIndiaNews) April 7, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के प्रस्ताव को किया स्वीकार, अतिरिक्त वेटलैंड विकसित करने के प्रस्ताव को किया स्वीकार...#FirstIndiaNews #SupremeCourt pic.twitter.com/xVVxwqlNXL
Source: HP News
Dated: Apr 05, 2025
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर राज्य सरकार अनासागर झील क्षेत्र में बनी संरचनाएं बनाए रखना चाहती है, तो समकक्ष वेटलैंड का ठोस प्रस्ताव लाना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को वर्चुअल रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था और सॉलिसिटर जनरल व अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के आश्वासन पर सेवन वंडर्स पार्क और फूड कोर्ट हटाने की अनुमति दी गई। ... Read More
Source: Bharat Raftar
Dated: Apr 05, 2025
इस योजना के माध्यम से न सिर्फ झीलों के पारिस्थितिकी तंत्र को संजीवनी देने का प्रयास किया जाएगा, बल्कि शहर में जल संरक्षण और जैव विविधता को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्य वेटलैंड प्राधिकरण NEERI (नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) के साथ मिलकर इन वेटलैंड्स के लिए इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान तैयार करेगा। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने अदालत को आश्वासन दिया था कि सेवन वंडर्स पार्क और फूड कोर्ट को हटाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है और यह कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। ... Read More
Source: Aap Ka Rajasthan
Dated: Apr 05, 2025
सुप्रीम कोर्ट में लंबित आनासागर झील मामले में राजस्थान सरकार ने अहम कदम उठाया है। अजमेर के जिला मजिस्ट्रेट ने 4 अप्रैल को हलफनामा दायर कर शहर में 2 नए वेटलैंड विकसित करने का प्रस्ताव दिया था। यह कदम कोर्ट के 17 मार्च 2025 के आदेश की अनुपालना में उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य बनाम अशोक मलिक व अन्य में सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव को वर्चुअल उपस्थिति देने के निर्देश दिए थे। सॉलिसिटर जनरल व अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के आश्वासन पर सेवन वंडर्स पार्क व फूड कोर्ट को हटाने की अनुमति दे दी गई। कोर्ट ने कहा कि अन्य संरचनाओं को बनाए रखने के लिए समतुल्य वेटलैंड का ठोस प्रस्ताव लाना होगा। अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी। कोर्ट वेटलैंड योजना की समीक्षा कर शेष संरचनाओं की स्थिति का मूल्यांकन करेगी। यह निर्णय पर्यावरण नियमों व एनजीटी के पिछले आदेशों के आधार पर होगा। ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Apr 06, 2025
During the previous hearing, the apex court acknowledged the Rajasthan chief secretary' affidavit as the state's commitment to remove the structures within the Seven Wonders Park and adjacent food court area within six months. "With this affidavit, the Ajmer collector proposed the creation and restoration of two wetlands," additional advocate general Shiv Mangal Sharma told TOI Saturday. ... Read More
Source: Lallu Ram
Dated: Apr 05, 2025
सेवन वंडर्स पार्क और फूड कोर्ट हटाने की अनुमति मामले की पिछली सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने राज्य बनाम अशोक मलिक व अन्य केस में मुख्य सचिव को वर्चुअल उपस्थिति के लिए निर्देशित किया था। सॉलिसिटर जनरल और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा द्वारा कोर्ट को आश्वस्त किए जाने के बाद सेवन वंडर्स पार्क और फूड कोर्ट को हटाने की अनुमति दे दी गई। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अन्य स्थायी संरचनाओं को बनाए रखने के लिए सरकार को समकक्ष वेटलैंड का ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा। ... Read More
Source: Bharat Journal
Dated: Apr 05, 2025
सुप्रीम कोर्ट में लंबित अनासागर झील मामले में एक अहम विकास के तहत, जहां कोर्ट ने मुख्य सचिव को वर्चुअल रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया था, इस पर अजमेर के जिलाधिकारी ने दिनांक 4 अप्रैल 2025 को सर्वोच्च न्यायालय में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया है. हलफनामा में शहर में दो अतिरिक्त वेटलैंड विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है. यह कदम सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 17 मार्च 2025 के आदेश के अनुपालन में उठाया गया है, जो सिविल अपील संख्या 7607/2023 (राज्य बनाम अशोक मलिक व अन्य) में पारित हुआ था. इस आदेश में, भारत के सॉलिसिटर जनरल और राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा द्वारा दिए गए आश्वासन के आधार पर, न्यायालय ने सेवन वंडर्स पार्क के स्थानांतरण और झील से सटे फूड कोर्ट के ध्वस्तीकरण की अनुमति दी थी, तथा शेष संरचनाओं को बनाए रखने की स्थिति में राज्य सरकार से पर्यावरणीय संतुलन के लिए समकक्ष वेटलैंड विकसित करने का ठोस प्रस्ताव लाने को कहा था. ... Read More
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Apr 05, 2025
Anasagar in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में लंबित अनासागर झील मामले में राजस्थान सरकार ने अहम कदम उठाया है. अजमेर के जिलाधिकारी ने 4 अप्रैल को हलफनामा दायर कर शहर में 2 नए वेटलैंड विकसित करने का प्रस्ताव पेश किया. यह कदम 17 मार्च 2025 को दिए कोर्ट के आदेश की अनुपालना में उठाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य बनाम अशोक मलिक और अन्य में सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव को वर्चुअल उपस्थिति का निर्देश दिया था. सॉलिसिटर जनरल और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के आश्वासन पर सेवन वंडर्स पार्क और फूड कोर्ट को हटाने की अनुमति दी गई. ... Read More
Source: NDTV
Dated: Apr 05, 2025
सुप्रीम कोर्ट में लंबित अनासागर झील मामले में एक अहम विकास के तहत, जहां कोर्ट ने मुख्य सचिव को वर्चुअल रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया था, इस पर अजमेर के जिलाधिकारी ने दिनांक 4 अप्रैल 2025 को सर्वोच्च न्यायालय में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया है. हलफनामा में शहर में दो अतिरिक्त वेटलैंड विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है. यह कदम सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 17 मार्च 2025 के आदेश के अनुपालन में उठाया गया है, जो सिविल अपील संख्या 7607/2023 (राज्य बनाम अशोक मलिक व अन्य) में पारित हुआ था. इस आदेश में, भारत के सॉलिसिटर जनरल और राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा द्वारा दिए गए आश्वासन के आधार पर, न्यायालय ने सेवन वंडर्स पार्क के स्थानांतरण और झील से सटे फूड कोर्ट के ध्वस्तीकरण की अनुमति दी थी, तथा शेष संरचनाओं को बनाए रखने की स्थिति में राज्य सरकार से पर्यावरणीय संतुलन के लिए समकक्ष वेटलैंड विकसित करने का ठोस प्रस्ताव लाने को कहा था. ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Apr 04, 2025
सुनवाई में सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू, एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने अदालत को बताया कि मामले के आरोपियों की ओर से दायर याचिकाओं पर आपत्ति है। सरकार 26 नवंबर, 2021 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली रिवीजन याचिका को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। पिछली सुनवाई पर भी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की उस रिवीजन याचिका को वापस लेने की मंजूरी नहीं दी थी जिसमें एसीबी कोर्ट के आरोपियों के खिलाफ दी गई अभियोजन स्वीकृति को वापस लेने से मना कर दिया था। दरअसल राज्य सरकार ने इस मामले में दो अर्जियां दायर की हैं। इनमें कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्टर्स अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थी। ... Read More
Source: ETV Bharat
Dated: Apr 03, 2025
इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई टाल दी। अशोक पाठक के मामले में पक्षकार बनने पर पूर्व मंत्री शांति धारीवाल व अन्य के अधिवक्ताओं की ओर से आपत्ति दर्ज कराई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू, एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने अदालत को बताया कि उनकी मामले के आरोपियों की ओर से दायर याचिकाओं पर आपत्ति है। ... Read More
Source: Dainik Navajyoti
Dated: Apr 04, 2025
अशोक पाठक के मामले में पक्षकार बनने पर पूर्व मंत्री शांति धारीवाल एवं अन्य के अधिवक्ताओं की ओर से आपत्ति दर्ज कराई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू, एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने अदालत को बताया कि उनकी मामले के आरोपियों की ओर से दायर याचिकाओं पर आपत्ति है। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Apr 04, 2025
सुनवाई के दौरान निजी पक्षकार अशोक पाठक का पक्ष भी सुना, जिस पर हाईकोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू से पूछा कि क्या वे पाठक के पक्ष का समर्थन करते हैं। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा और अनुराग शर्मा ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष सुनवाई की आवश्यकता है। राज्य सरकार उस पुनरीक्षण याचिका को आगे नहीं बढ़ाना चाहती, जिसमें 26 नवम्बर 2021 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई। ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Apr 04, 2025
Representatives for the state, including additional solicitor general SV Raju and additional advocate generals Shiv Mangal Sharma and Anurag Sharma, asserted their opposition to the petitions filed by the accused individuals, emphasising the state's commitment to ensuring a fair trial. They indicated the state does not intend to pursue the revision petition challenging a trial court's order from Nov 26, 2021, which rejected the withdrawal of prosecution against Dhariwal and others. The court also addressed the impleadment of Ashok Pathak, whose special petitions led to the Supreme Court's Nov 2024 order. The next hearing is scheduled for April 7. ... Read More
Source: Hindusthan Samachar
Dated: Apr 03, 2025
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू, एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने अदालत को बताया कि उनकी मामले के आरोपियों की ओर से दायर याचिकाओं पर आपत्ति है। राज्य सरकार 26 नवंबर, 2021 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली रिवीजन याचिका को अब आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। इस आदेश में ट्रायल कोर्ट ने पूर्व आईएएस जीएस संधू, ओंकारमल सैनी और निष्काम दिवाकर के खिलाफ चल रहे मुकदमे को वापस लेने के संबंध में पेश राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था। दरअसल राज्य सरकार ने इस मामले में दो अर्जियां दायर की हैं। इनमें कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्ट्स अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थीं। इसके चलते ही पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को बरी कर दिया था। ... Read More
Source: ETV Bharat
Dated: Apr 03, 2025
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू, एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने अदालत को बताया कि उनकी मामले के आरोपियों की ओर से दायर याचिकाओं पर आपत्ति है. राज्य सरकार 26 नवंबर, 2021 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली रिवीजन याचिका को अब आगे नहीं बढ़ाना चाहती है. इस आदेश में ट्रायल कोर्ट ने पूर्व आईएएस जीएस संधू, ओंकारमल सैनी और निष्काम दिवाकर के खिलाफ चल रहे मुकदमे को वापस लेने के संबंध में पेश राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था. ... Read More
Source: First India
Dated: Apr 03, 2025
The Supreme Court has criticized the Rajasthan State Road Transport Corporation (RSRTC) for its prolonged delay in paying day and night allowance to drivers and conductors, an issue pending since April 2021. Rajasthan's Additional Advocate General (AAG) assured the court that payments would be made soon, leading to a six-month extension for completion. ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Apr 03, 2025
In 2022, the apex court had impleaded the state's chief secretary and finance secretary for failing to implement its Apr 2021 judgment, which ordered the disbursal of allowances from 1997 onwards within four months. Additional advocate general Shiv Mangal Sharma Wednesday assured the court of the state govt's commitment to compliance, after which the bench held off on initiating coercive action against the previously impleaded Rajasthan bureaucrats. ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Apr 03, 2025
Rajasthan's additional advocate general Shiv Mangal Sharma said the SC order clarified the legal balance between state and central authority, ensuring that states like Rajasthan can regulate how power is used within their grid, cross-border electricity trading remains under central control. ... Read More
Source: Rajasthan One
Dated: Apr 02, 2025
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कोई भी प्रदेश सरकार बिजली के उपयोग पर अपने अधिकार क्षेत्र तक ही नियंत्रण रख सकती हैं। हालांकि अंतर राज्य विद्युत व्यापार केंद्र सरकार के है अधीन रहेगा। कोर्ट का यह फैसला विद्युत अधिनियम, 2003 की व्याख्या का पूरी तरह बखान करता है। राजस्थान सरकार और RERC की तरफ से शिव मंगल शर्मा (अतिरिक्त महाधिवक्ता) सुप्रीम कोर्ट ने पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि 17 अक्टूबर को पूरी तरह सुरक्षित रखा गया है। साथ ही यह ऐतिहासिक निर्णय 1 अप्रैल 2025 को सुनाया गया है। जिससे बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। ... Read More
Source: Bharat Express English
Dated: Apr 02, 2025
Rajasthan Government’s Perspective On The Ruling Advocate General Shiv Mangal Sharma, representing the Rajasthan government, expressed confidence that the Supreme Court’s decision would ensure that consumers in the state receive affordable and reliable electricity. He stressed that the ruling paves the way for the state to maintain its control over electricity usage while also meeting the needs of consumers. The 2016 RERC regulations were initially upheld by the Rajasthan High Court, which acknowledged that the rules were put in place to preserve grid stability. ... Read More
Source: Bharat Express
Dated: Apr 02, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया है कि राज्य सरकारें अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर बिजली के उपयोग को नियंत्रित कर सकती है, जबकि अंतर राज्यीय विद्युत व्यापार केंद्र के अधीन रहेगा. राजस्थान सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद राज्य की जनता को सस्ती बिजली मिलने की उम्मीद जग गई है. 2016 के नियमों से प्रभावित कम्पनियों की दलाली थी कि इन नियमों से ओपन एक्सेस वितरण लाइसेंसधारी से ली जा रही बिजली के संयुक्त उपयोग पर रोक लगाना मनमाना है और यह विद्युत अधिनियम 2003 का उल्लंघन करता है. उनका कहना था कि 2004 के पुराने नियमों के तहत उन्हें बिजली की खपत के स्रोत को लचीले तरह से प्रबंधित करने की स्वतंत्रता थी, जो छीन ली गई है. ... Read More
Source: Patrika
Dated: Apr 02, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकारें अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर बिजली के उपयोग को नियंत्रित कर सकती हैं, जबकि अंतर-राज्यीय विद्युत व्यापार केंद्र सरकार के अधीन रहेगा। यह फैसला विद्युत अधिनियम, 2003 की व्याख्या को स्पष्ट करते हुए आया है। राजस्थान सरकार और RERC की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कहा कि 17 अक्टूबर 2024 को सुरक्षित रखा गया यह ऐतिहासिक निर्णय 1 अप्रैल 2025 को सुनाया गया, जिससे राज्य और उपभोक्ताओं को राहत मिली है। ... Read More
First India News#Delhi: सुप्रीम कोर्ट से बिजली कंपनियों को झटका,राजस्थान सरकार को राहत
— First India News (@1stIndiaNews) April 2, 2025
राजस्थान राज्य विनियामक आयोग द्वारा 2016 में बनाए नियमों को सुप्रीम कोर्ट ने ठहराया वैध...#FirstIndiaNews #SupremeCourt pic.twitter.com/EVitiLnGgd
First India News#Delhi: राजस्थान रोडवेज के चालक-परिचालकों के बकाया डे,नाइट भत्तों से जुड़ा मामला
— First India News (@1stIndiaNews) April 2, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने भुगतान की लेट लतीफी पर (RSRTC) रोडवेज को लगाई फटकार, राजस्थान की तरफ से पेश एएजी शिवमंगल...#FirstIndiaNews #SupremeCourt @RajGovOfficial pic.twitter.com/r1dqSZvZU8
Source: Hindustan Times
Dated: Mar 28, 2025
The bench comprising Chief Justice of India Sanjiv Khanna and justice Sanjay Kumar passed the order while hearing an Interim Application filed by additional advocate general for Rajasthan Shiv Mangal Sharma, who sought urgent relief as the earlier deadline was set to expire on March 31. Rajasthan’s mining sector is facing legal challenges related to environmental clearances for mining leases. ... Read More
Source:
Nation27
Dated: Mar 28, 2025
NDTV Rajasthan
Source: Bhaskar English
Dated: Mar 27, 2025
Applications of about 8 thousand lease holders pending Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma told the Supreme Court that so far 6,668 mines have received state-level environmental clearance in the state. While 7,795 lease holders have applied, their applications are pending. Meanwhile, about 8,500 lease holders have not even applied. Supreme Court has to decide the point He informed that NGT had said in its order that environmental clearances granted by District Environmental Impact Assessment Authority (DEACC) will be considered void until they are re-evaluated by State Environmental Impact Assessment Authority (SEIAA). ... Read More
Source: Media Saheb
Dated: Mar 27, 2025
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा द्वारा दायर अंतरिम आवेदन (IA) पर सुनवाई के दौरान पारित किया। राज्य सरकार ने तर्क दिया कि यदि समयसीमा नहीं बढ़ाई गई, तो खनन कार्य रुकने से लाखों लोगों की आजीविका पर संकट आ जाएगा। पर्यावरणीय स्वीकृति पर लंबित मामला इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर भी विचार किया कि क्या ज़िला स्तरीय अधिकारी स्वतंत्र रूप से पर्यावरणीय मंजूरी (EC) प्रदान कर सकते हैं या फिर सभी मंजूरियों को राज्य स्तरीय प्राधिकरण (SEIAA) द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। जब तक इस कानूनी प्रश्न का समाधान नहीं हो जाता, अदालत ने खनन संचालन को दो महीने तक जारी रखने की अनुमति दी है। ... Read More
Source: Samay Jagatn
Dated: Mar 28, 2025
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा द्वारा दायर अंतरिम आवेदन (IA) पर सुनवाई के दौरान पारित किया। राज्य सरकार ने तर्क दिया कि यदि समयसीमा नहीं बढ़ाई गई, तो खनन कार्य रुकने से लाखों लोगों की आजीविका पर संकट आ जाएगा। पर्यावरणीय स्वीकृति पर लंबित मामला इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर भी विचार किया कि क्या ज़िला स्तरीय अधिकारी स्वतंत्र रूप से पर्यावरणीय मंजूरी (EC) प्रदान कर सकते हैं या फिर सभी मंजूरियों को राज्य स्तरीय प्राधिकरण (SEIAA) द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। जब तक इस कानूनी प्रश्न का समाधान नहीं हो जाता, अदालत ने खनन संचालन को दो महीने तक जारी रखने की अनुमति दी है। ... Read More
Source: Press Vani
Dated: Mar 27, 2025
सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश राजस्थान सरकार की ओर से दायर अंतरिम आवेदन (आईए) पर सुनवाई के दौरान पारित किया। राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिव मंगल शर्मा ने तर्क दिया कि यदि समयसीमा नहीं बढ़ाई गई, तो खनन कार्य रुकने से लाखों लोगों की आजीविका पर संकट आ जाएगा। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर भी विचार किया कि क्या ज़िला स्तरीय अधिकारी स्वतंत्र रूप से पर्यावरणीय मंजूरी (ईसी) प्रदान कर सकते हैं या फिर सभी मंजूरियों को राज्य स्तरीय प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। जब तक इस कानूनी प्रश्न का समाधान नहीं हो जाता, अदालत ने खनन संचालन को दो महीने तक जारी रखने की अनुमति दी है। ... Read More
Source: MTTV India
Dated: Mar 27, 2025
NGT ने समय सीमा बढ़ाने से किया था इनकार इससे पहले, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था, जिसमें पर्यावरण मंजूरी के लिए समय बढ़ाने की मांग की गई थी। NGT ने 7 नवंबर 2024 तक पर्यावरण मंजूरी नहीं लेने वाली खदानों को बंद करने का आदेश दिया था। बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने 12 नवंबर 2024 को इस समय सीमा को 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया। पर्यावरण मंजूरी का स्टेटस सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि राजस्थान में: 6,668 खदानों को पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी है। 7,795 लीज धारकों ने आवेदन किया है, जो अभी प्रक्रियाधीन हैं। करीब 8,500 खदान संचालकों ने अभी तक आवेदन ही नहीं किया है। ... Read More
Source: 24 News Update
Dated: Mar 27, 2025
8 हजार खदान संचालकों के आवेदन पेंडिंग राजस्थान सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब तक 6,668 खदानों को राज्य स्तरीय पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 7,795 लीज धारकों ने आवेदन कर रखा है, लेकिन उनके मामले लंबित हैं। वहीं, करीब 8,500 खदान संचालकों ने अब तक आवेदन ही नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट को करना है अहम फैसला एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि जिला पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (DEAC) द्वारा दी गई पर्यावरणीय मंजूरी मान्य नहीं मानी जाएगी, जब तक कि इसे राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (SEIAA) द्वारा पुनः मूल्यांकित न किया जाए। ... Read More
Source: Smarthal Chal
Dated: Mar 27, 2025
राजस्थान (Rajasthan) के अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने यह याचिका दायर कर खनन पट्टों को तत्काल राहत देने का अनुरोध किया था. क्योंकि 31 मार्च की समयसीमा समाप्त होने वाली थी. राजस्थान का खनन क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से कानूनी उलझनों में फंसा हुआ है. विवाद का मुख्य मुद्दा यह है कि पर्यावरणीय स्वीकृति देने का अधिकार जिला स्तर के अधिकारियों के पास होगा या राज्य स्तरीय समिति को इसकी पुष्टि करनी होगी. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशों के अनुसार, “जिला स्तरीय पर्यावरणीय आकलन समिति (DEACC) के जारी सभी पर्यावरणीय स्वीकृतियों को अमान्य माना गया था. ... Read More
Source:
First India News
Dated: Mar 24, 2025
Sach Bedhadak#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट से RIICO को बड़ी राहत
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) March 24, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने NGT के दंडात्मक कार्रवाई के आदेश पर लगाई रोक, पर्यावरण मुआवजे की वसूली को लेकर जारी किए थे...#SachBedhadak #SupremeCourt @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/onKhMHDcSI
Source: Delhi Bulletin
Dated: Mar 27, 2025
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा द्वारा दायर अंतरिम आवेदन (IA) पर सुनवाई के दौरान पारित किया। राज्य सरकार ने तर्क दिया कि यदि समयसीमा नहीं बढ़ाई गई, तो खनन कार्य रुकने से लाखों लोगों की आजीविका पर संकट आ जाएगा। ... Read More
Source: Raj Daily News
Dated: Mar 26, 2025
सुप्रीम कोर्ट में सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि 26 मई 1982 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम के तहत सरकार ने भूमिहीन किसानों को खड़ेरो की ढाणी, जैसलमेर में भूमि अलॉट की थी। इसमें याचिकाकर्ता टोलाराम भी शामिल था। बाद में रक्षा मंत्रालय की ओर से इस पर ऑब्जेक्शन आने से सरकार ने इस आवंटन को रद्द कर दिया। इसके खिलाफ याचिकाकर्ता और अन्य आवंटी हाईकोर्ट पहुंचे। हाई कोर्ट ने 11 अगस्त 2006 को अंतरिम आदेश देते हुए आवंटियों को अन्य जगह भूमि आवंटन के निर्देश दिए। सरकार ने 2008 में मोकला में भूमि आवंटित कर दी। ... Read More
Source: Mahanagar Times
Dated: Mar 27, 2025
अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के अनुसार, राजस्थान में अब तक 6,668 खानों को राज्य स्तर पर पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, 7,795 लीज धारकों के आवेदन अभी लंबित हैं। जबकि 8,500 लीज धारकों ने आवेदन ही नहीं किया है। NGT के आदेश के अनुसार, जिला पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (DEACC) द्वारा दी गई मंजूरी तब तक मान्य नहीं होगी जब तक राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (SEIAA) से इसे पुनः मंजूरी नहीं मिलती। अब सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि जिला स्तरीय प्राधिकरण को स्वतंत्र रूप से मंजूरी देने का अधिकार है या नहीं। ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Mar 26, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 6,668 खानों को राज्य स्तर पर पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी हैं। वहीं, 7,795 लीज धारकों ने अप्लाई कर रखा है। इनके आवेदन पेंडिंग हैं। वहीं, करीब साढ़े 8 हजार लीज धारकों ने आवेदन ही नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट को तय करना है बिंदू उन्होंने बताया- एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि जिला पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (DEACC) द्वारा प्रदान की गई पर्यावरणीय स्वीकृति तब तक समाप्त मानी जाएंगी। जब तक कि उन्हें राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (SEIAA) द्वारा पुनः मूल्यांकित नहीं किया जाता है। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Mar 27, 2025
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा द्वारा दायर अंतरिम आवेदन (IA) पर सुनवाई के दौरान पारित किया। राज्य सरकार ने तर्क दिया कि यदि समयसीमा नहीं बढ़ाई गई, तो खनन कार्य रुकने से लाखों लोगों की आजीविका पर संकट आ जाएगा। ... Read More
Source: The Buck Stopper
Dated: Mar 26, 2025
According to Shiv Mangal Sharma, Additional Advocate General of the government in the Supreme Court, on May 26, 1982, under the Rajasthan Tenants Act, the government had allotted land in Dhani, Jaisalmer to the landless farmers. The petitioner Tolaram was also present. Later, the government cancelled this allocation after objections from the Ministry of Defence. The petitioner and other allottees approached the High Court against this. On August 11, 2006, the High Court, while giving an interim order directed the allottees to allot land elsewhere. ... Read More
Source: Lallu Ram
Dated: Mar 26, 2025
सुप्रीम कोर्ट में सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि 26 मई 1982 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम के तहत भूमिहीन किसानों को जैसलमेर के खड़ेरो की ढाणी में भूमि आवंटित की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता टोलाराम भी शामिल था. बाद में रक्षा मंत्रालय के आपत्ति जताने के कारण इस भूमि आवंटन को रद्द कर दिया गया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने 11 अगस्त 2006 को आदेश दिया कि इन किसानों को अन्य स्थान पर भूमि आवंटित की जाए, और 2008 में मोकला में भूमि दी गई. लेकिन याचिकाकर्ता ने इसे समान मूल्य का नहीं मानते हुए भूमि पर कब्जा लेने से मना कर दिया. ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Mar 26, 2025
सुप्रीम कोर्ट में सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि 26 मई 1982 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम के तहत सरकार ने भूमिहीन किसानों को खड़ेरो की ढाणी, जैसलमेर में भूमि अलॉट की थी। इसमें याचिकाकर्ता टोलाराम भी शामिल था। बाद में रक्षा मंत्रालय की ओर से इस पर ऑब्जेक्शन आने से सरकार ने इस आवंटन को रद्द कर दिया। इसके खिलाफ याचिकाकर्ता और अन्य आवंटी हाईकोर्ट पहुंचे। हाई कोर्ट ने 11 अगस्त 2006 को अंतरिम आदेश देते हुए आवंटियों को अन्य जगह भूमि आवंटन के निर्देश दिए। सरकार ने 2008 में मोकला में भूमि आवंटित कर दी। लेकिन, याचिकाकर्ता व अन्य ने भूमि समान मूल्य की नहीं होने का दावा करते हुए कब्जा लेने से इनकार कर दिया। ... Read More
Sach Bedhadak#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) March 27, 2025
प्रदेश के 8,000 खनन पट्टाधारकों को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने खनन संचालन के लिए दो महीने का दिया अतिरिक्त समय...#SachBedhadak #SupremeCourt @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/t4ABBBfJrI
First India News#Delhi: राजस्थान के 8000 खनन पट्टा धारकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत
— First India News (@1stIndiaNews) March 27, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा 2 महीने और बढ़ाई, पहले 31 मार्च 2025 की तय की गई थी समय सीमा, इससे खनन पट्टा धारकों...#FirstIndiaNews #SupremeCourt pic.twitter.com/DqC7C1nCYc
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Mar 27, 2025
Supreme court: राजस्थान में 8 हजार से अधिक खनन पट्टाधारकों के लिए राहत की खबर आई है. सुप्रीम कोर्ट ने खनन संचालन को 2 महीने के लिए बढ़ाने का आदेश दिया है, जिससे 31 मार्च 2025 को बंद होने वाले खनन कार्यों को अस्थायी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने राजस्थान सरकार की ओर से दायर एक अंतरिम याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. राजस्थान (Rajasthan) के अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने यह याचिका दायर कर खनन पट्टों को तत्काल राहत देने का अनुरोध किया था. क्योंकि 31 मार्च की समयसीमा समाप्त होने वाली थी. ... Read More
First India News#Delhi: राजस्थान के 8000 खनन पट्टा धारकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत
— First India News (@1stIndiaNews) March 27, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा 2 महीने और बढ़ाई, पहले 31 मार्च 2025 की तय की गई थी समय सीमा, इससे खनन पट्टा धारकों...#FirstIndiaNews #SupremeCourt pic.twitter.com/DqC7C1nCYc
Source: Patrikar
Dated: Mar 22, 2025
राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कहा कि हमने इस मामले में डॉ. अब्दुल हमीद को मृत्युदंड देने सहित निचली अदालत द्वारा दिए गए दण्ड को बरकरार रखने की वकालत की। जबकि डॉ. हमीद ने इस मामले में बरी किए जाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। ... Read More
Sach Bedhadak#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) March 20, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने समलेटी बम ब्लास्ट मामले में फैसला रखा सुरक्षित, एक माह तक चली लंबी सुनवाई के बाद रखा फैसला सुरिक्षत...#SachBedhadak #SupremeCourt @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/kmBAA0nXTF
Source: Hindusthan Samachar
Dated: Mar 19, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर शिकायतकर्ता की किसी समस्या का समाधान नहीं होता है तो वो राजस्थान हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा। सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से पेश वकील शिवमंगल शर्मा ने कहा कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के एक किलोमीटर के भीतचर किसी भी प्रकार का खनन नहीं हो रहा है। वहां कड़ी निगरानी है। याचिका मोशीना ने दायर किया था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (सीटीएच) के एक किलोमीर के दायरे में भी अवैध खनन जारी है। ये खनन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेशों का उल्लंघन है। ये खनन रात के समय हाई फोकस लाइट और हैलोजन का उपयोग कर किया जाता है। ... Read More
Source: ICB 24
Dated: Mar 20, 2025
अब राजस्थान सरकार के पास ये है रास्ता अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के अनुसार, अब राज्य सरकार के पास दो रास्ते हैं- या तो वह इस फैसले को लागू कर कर्मचारियों को समायोजित करे, या फिर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करे। सरकार का मानना है कि इस फैसले से वित्तीय और प्रशासनिक बोझ बढ़ सकता है। हालांकि, कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी जीत है, जो लंबे समय से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे। ... Read More
Source: Dainik haskarb
Dated: Mar 21, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की बहस सुनकर मामले में फैसला बाद में देना तय किया है। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजा ठाकरे व राज्य के एएजी शिवमंगल शर्मा की ओर से बहस की गई। राज्य सरकार ने निचली कोर्ट से अभियुक्तों की दोषसिद्धि को बरकरार रखने और अभियुक्तों की अपील खारिज करने का आग्रह किया है। ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Mar 21, 2025
Two accused, Farookh Ahamed and Chandra Prakash Agarwal, were acquitted due to lack of evidence. Later, on July 22, 2019, Rajasthan High Court upheld the conviction of Dr Abdul Hameed but acquitted all the six who were awarded life imprisonment. Rajasthan govt's additional advocate general Shiv Mangal Sharma said, "We argued for upholding the convictions by the trial court in this matter, including the capital punishment to Dr Abdul Hameed. Dr Hameed had approached the Supreme Court for acquittal in the case." ... Read More
Source: ETV Bharat
Dated: Mar 20, 2025
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजा ठाकरे व राज्य के एएजी शिवमंगल शर्मा की ओर से बहस की गई. राज्य सरकार की ओर से निचली कोर्ट से अभियुक्तों की दोषसिद्धी को बरकरार रखने और अभियुक्तों की अपील खारिज करने का आग्रह किया है. अभियुक्त व आरोपियों की ओर से सीनियर एडवोकेट कामिनी जायसवाल व अन्य अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा. अभियुक्त व आरोपी पक्ष की ओर से अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों और न्यायिक प्रक्रिया में हुई खामियों को बताया गया. ... Read More
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Mar 20, 2025
राजस्थान सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट राजा ठाकरे और राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की. ठाकरे को हाल ही में भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया है.उन्होंने अदालत में राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए निचली अदालत के अभियुक्तों को दोषी ठहराने के फैसले को बरकरार रखने की अपील की. वहीं आरोपियों की ओर से सीनियर एडवोकेट कामिनी जायसवाल ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों को चुनौती देते हुए न्यायिक प्रक्रिया में खामियों की ओर ध्यान दिलाया. ... Read More
Source: SBT News
Dated: Mar 19, 2025
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. इसके साथ ही, इन कर्मचारियों के नियमितीकरण का मार्ग प्रशस्त हो गया है. राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की, जबकि कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता जितिन चतुर्वेदी ने पक्ष रखा. ... Read More
Source: Hindusthan Samachar
Dated: Mar 19, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर शिकायतकर्ता की किसी समस्या का समाधान नहीं होता है तो वो राजस्थान हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा। सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से पेश वकील शिवमंगल शर्मा ने कहा कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के एक किलोमीटर के भीतचर किसी भी प्रकार का खनन नहीं हो रहा है। वहां कड़ी निगरानी है। याचिका मोशीना ने दायर किया था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (सीटीएच) के एक किलोमीर के दायरे में भी अवैध खनन जारी है। ये खनन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेशों का उल्लंघन है। ये खनन रात के समय हाई फोकस लाइट और हैलोजन का उपयोग कर किया जाता है। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Mar 20, 2025
लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि रात को ट्रक अवैध खनन सामग्री लेकर जाते हैं। न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने सरिस्का टाइगर रिजर्व के एक किलोमीटर के दायरे में अवैध खनन से संबंधित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएसी) शिव मंगल शर्मा ने कोर्ट को बताया कि प्रतिबंधित एक किलोमीटर क्षेत्र में कोई खनन गतिविधि नहीं हो रही है। जनता की शिकायतों को सुनने के लिए सरकार एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी। इस पर कोर्ट ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार अलवर जिला खनन कार्यालय में नोडल अधिकारी की नियुक्ति करे। नोडल अधिकारी के पास कोई शिकायत आए तो उसका दो सप्ताह में निस्तारण करना होगा। ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Mar 19, 2025
Additional advocate general Shiv Mangal Sharma, representing Rajasthan, assured the Supreme Court that no mining occurred within the restricted one-km zone and strict enforcement was ongoing. The state agreed to appoint a nodal officer to address public grievances and investigate specific complaints from affected parties. The court subsequently instructed the state to establish this position in the Alwar mining office. ... Read More
Source: Rajasthan One
Dated: Mar 19, 2025
आज के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जहां संविदा कर्मियों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता जितिन चतुर्वेदी ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई। तो वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एएजी अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कहा कि आज के इस आदेश से राजस्थान सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार के साथ ही प्रशासनिक प्रभाव पड़ेगा। राज्य सरकार इस आदेश पर आगे पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर विचार कर सकती है। ... Read More
Source: Agro Haryana
Dated: Mar 19, 2025
जानकारी देते हुए बता दें कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जे के माहेश्वरी और न्यायधीश अरविंद कुमार ने राजस्थान हाईकोर्ट के सात साल पुराने आदेश पर दखल देने से मना कर दिया। अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से परिषद की याचिका को खारिज कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लोक जुम्बिश से हटाए गए इन कर्मचारियों को पक्की नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। मीडिया को जानकारी देते हुए राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए भर्ती मिलने के कारण इन कर्मचारियों को सीधे समायोजन का अधिकार नहीं था। अपने फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आवश्यक शैक्षणिक कार्य करने के कारण इन कर्मचारियों को समान अवसर पाने का हकदार माना है। ... Read More
Source: H P News
Dated: Mar 19, 2025
सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार की दलील सुनवाई के दौरान, राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने कहा कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के 1 किलोमीटर के भीतर किसी भी प्रकार का खनन नहीं हो रहा है और वहां कड़ी निगरानी रखी जा रही है। हालांकि, जनता की शिकायतों को दूर करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी अवैध खनन से जुड़ी शिकायतों को देखेगा और आवश्यक कार्रवाई करेगा। ... Read More
Source: The Bikaner News
Dated: Mar 19, 2025
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. अधिक जानकारी के लिए बता दे की इसके साथ ही, इन कर्मचारियों के नियमितीकरण (regularization) का मार्ग प्रशस्त हो गया है. राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की, जबकि कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता जितिन चतुर्वेदी ने पक्ष रखा. ... Read More
Source: Udaipur Kiran
Dated: Mar 19, 2025
The Supreme Court has further ruled that if complainants find their grievances unresolved, they have the right to appeal to the Rajasthan High Court. This provision ensures greater transparency and accountability in handling illegal mining complaints near the ecologically sensitive Sariska Tiger Reserve. During the hearing, Shivmangal Sharma, counsel representing the Rajasthan government, asserted that no mining activities are being conducted within the one-kilometer radius of Sariska. He stated that strict surveillance measures are already in place to prevent such activities. ... Read More
Source: Nav Bharat Times
Dated: Mar 19, 2025
सुप्रीम कोर्ट में संविदा कर्मचारियों के मामल में न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की। इस दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से इन कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली। इसके साथ इन कर्मचारियों के नियमितीकरण का रास्ता साफ हो गया है। इस दौरान राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने और संविदा कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता जितिन चतुर्वेदी ने पक्ष रखा था। ... Read More
Source: Hamara Samachar
Dated: Mar 20, 2025
यह मामला न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुना गया, जिन्होंने दोनों पक्षों की विस्तृत दलीलों पर विचार करने के बाद हाई कोर्ट के कर्मचारियों के पक्ष में दिए गए फैसले को बरकरार रखा. राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की, जबकि प्रतिवादियों की ओर से जितिन चतुवेर्दी उपस्थित रहे। ... Read More
Source: One India
Dated: Mar 19, 2025
राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने तर्क दिया कि ये कर्मचारी प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से भर्ती हुए थे, इसलिए उन्हें समायोजन का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। लेकिन हाईकोर्ट ने यह माना कि ये कर्मचारी समान शैक्षणिक कार्य कर रहे थे और अन्य 948 कर्मचारियों की तरह समायोजन के हकदार हैं। ... Read More
Source: Bharat Journal
Dated: Mar 19, 2025
The state, represented by solicitor general Tushar Mehta and additional advocate general Shiv Mangal Sharma, informed the court of its decision to designate Ana Sagar Lake as a protected wetland. The process of notifying the man-made lake as a wetland under the Wetland (Conservation and Management) Rules, 2017 is expected to take six months, the court was informed. ... Read More
Source: Patrika
Dated: Mar 19, 2025
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जे के माहेश्वरी और न्यायाधीश अरविन्दकुमार ने राजस्थान हाईकोर्ट के 7 साल पुराने आदेश पर दखल देने से इनकार करते हुए परिषद की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लोक जुम्बिश से हटाए गए इन कर्मचारियों को नियमित करने का रास्ता साफ हो गया। इन कर्मचारियों को समान अवसर पाने का हकदार माना राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि ये कर्मचारी प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए भर्ती होने के कारण इन्हें सीधे समायोजन का अधिकार नहीं था। ... Read More
Source: Dainik Jalte Deep
Dated: Mar 19, 2025
इस फैसले के बाद करीब 748 संविदा कर्मचारी अब SSA के तहत समायोजित किए जाएंगे। हाईकोर्ट का आदेश अब अंतिम, सरकार को इन कर्मचारियों को SSA में शामिल करना होगा। संविदा कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन और सुविधाएं मिलेंगी। राजस्थान सरकार अब या तो इस आदेश को लागू करेगी या पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती है। AAG शिव मंगल शर्मा ने कहा कि इस आदेश से राज्य सरकार पर वित्तीय और प्रशासनिक असर पड़ेगा। सरकार अब इस आदेश पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर विचार कर सकती है। ... Read More
Source: NDTV
Dated: Mar 19, 2025
इस फैसले के साथ, सुप्रीम कोर्ट ने इन कर्मचारियों के लंबे समय से लंबित नियमितीकरण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. जिससे उन कर्मचारियों को राहत मिली है जो अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता में थे. यह मामला न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुना गया, जिन्होंने दोनों पक्षों की विस्तृत दलीलों पर विचार करने के बाद हाई कोर्ट के कर्मचारियों के पक्ष में दिए गए फैसले को बरकरार रखा. राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की, जबकि प्रतिवादियों की ओर से जितिन चतुर्वेदी उपस्थित रहे. ... Read More
Source: NDTV
Dated: Mar 19, 2025
यह नोडल अधिकारी सरिस्का टाइगर रिजर्व की सीमा से 1 किलोमीटर के भीतर अवैध खनन से जुड़ी शिकायतों की निगरानी करेगा और अलवर के निवासियों या किसी अन्य संबंधित पक्ष द्वारा दर्ज की गई शिकायतों को संबोधित करने का उत्तरदायी होगा. यदि कोई शिकायत अनसुलझी रहती है या शिकायतकर्ता के खिलाफ निर्णय लिया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति राजस्थान हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकता है. सुनवाई के दौरान, राजस्थान सरकार की ओर से उपस्थित अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि प्रतिबंधित 1 किलोमीटर क्षेत्र में कोई खनन गतिविधि नहीं हो रही है और सख्त प्रवर्तन उपाय लागू किए गए हैं. ... Read More
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Mar 19, 2025
सुनवाई के दौरान, राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने कहा कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के 1 किलोमीटर के भीतर किसी भी प्रकार का खनन नहीं हो रहा है. वहां कड़ी निगरानी और प्रतिबंध लागू हैं. हालांकि, जनता की शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार नोडल अधिकारी की नियुक्ति करेगी. यह अधिकारी अवैध खनन से जुड़ी शिकायतों को देखेगा और समस्या सामने आने पर उस पर कार्रवाई की जाएगी. इस पर कोर्ट ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार अलवर जिला खनन कार्यालय में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें. ... Read More
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Mar 19, 2025
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. इसके साथ ही, इन कर्मचारियों के नियमितीकरण (regularization) का मार्ग प्रशस्त हो गया है. राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की, जबकि कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता जितिन चतुर्वेदी ने पक्ष रखा. ... Read More
Source:
First India News
Dated: Mar 19, 2025
Sach Bedhadak#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट से लोक जुम्बिश कार्मिकों से जुड़ी बड़ी खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) March 19, 2025
प्रदेश के हजारों कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, सर्व शिक्षा अभियान के संविदा कर्मचारियों के समायोजन का रास्ता साफ...#SachBedhadak #SupremeCourt @RajGovOfficial @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/xE3ULeOcC9
Sach Bedhadak#Jaipur: दुर्घटना के मामलो की जांच से ज्यादा सीबीआई के पास बड़े काम
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) March 18, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जयपुर दुर्घटना की सीबीआई जांच की मांग, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइंया...#SachBedhadak #RajasthanHighCourt @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/DK2UgEnROq
Source: The Print
Dated: Mar 18, 2025
The state, represented by solicitor general Tushar Mehta and additional advocate general Shiv Mangal Sharma, informed the court of its decision to designate Ana Sagar Lake as a protected wetland. The process of notifying the man-made lake as a wetland under the Wetland (Conservation and Management) Rules, 2017 is expected to take six months, the court was informed. ... Read More
Source: First India
Dated: Mar 18, 2025
New Delhi: The Rajasthan government has got relief from the Supreme Court in the matter related to the Seven Wonders along the Ana Sagar Lake in Ajmer. The Court has ruled in favor of the state, temporarily shielding it from contempt charges. The Supreme Court accepted the affidavit submitted by the state government. However, the Court issued strong directions regarding the protection of the Ana Sagar Lake’s wetland area, which the government has agreed to follow. The government has been given a period of six months to either remove the Seven Wonders from the wetland area or relocate them to another site. The state government was represented by Solicitor General Tushar Mehta and Additional Advocate General Shivmangal Sharma. Chief Secretary Sudhansh Pant attended the court proceedings via video conference. The next hearing for this case will be held on April 7. ... Read More
Source: Amar Ujala
Dated: Mar 18, 2025
राजस्थान के अजमेर में आनासागर झील के आसपास स्थित वेटलैंड और ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में हुए अवैध निर्माणों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। न्यायाधीश अभय एस. ओका और उज्ज्वल भुयान की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कड़े निर्देश जारी किए। अदालत ने सेवन वंडर पार्क को छह महीने के भीतर हटाने या किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जबकि फूड कोर्ट को 7 अप्रैल तक पूरी तरह ध्वस्त करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जितना वेटलैंड क्षेत्र नष्ट किया गया है, उतना ही नया वेटलैंड सिटी एरिया में विकसित किया जाए। इस मामले में सरकार और याचिकाकर्ता की ओर से जोरदार दलीलें पेश की गईं। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिवमंगल शर्मा ने पैरवी की, जबकि याचिकाकर्ता अशोक मलिक, जो पूर्व पार्षद और भाजपा नेता हैं, ने स्वयं अपना पक्ष रखा। राज्य सरकार ने 12 मार्च को 49 पेज का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया, जिसमें अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा, भविष्य की योजनाएं, निर्माण-पूर्व और वर्तमान की तस्वीरें तथा सेवन वंडर पार्क को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने की संभावनाएं शामिल थीं। ... Read More
Source: Bharat Journal
Dated: Mar 17, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत द्वारा दायर हलफनामे को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को 6 महीने का समय दिया है, ताकि अन्नासागर झील के चारों ओर बनी सेवन वंडर संरचनाओं को स्थानांतरित किया जा सके या ध्वस्त किया जा सके. न्यायालय ने झील के चारों ओर स्थित फूड कोर्ट को हटाने के संबंध में सरकार के बयान को भी स्वीकार किया. इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने की. इस दौरान मुख्य सचिव सुधांश पंत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए और राज्य सरकार द्वारा किए गए अनुपालन उपायों की जानकारी दी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने राजस्थान सरकार की ओर से पेश होते हुए दलील दी कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. ... Read More
Source: NDTV
Dated: Mar 18, 2025
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने की. इस दौरान मुख्य सचिव सुधांश पंत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए और राज्य सरकार द्वारा किए गए अनुपालन उपायों की जानकारी दी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने राजस्थान सरकार की ओर से पेश होते हुए दलील दी कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. ... Read More
Source: Firat India
Dated: Mar 18, 2025
The government has been given a period of six months to either remove the Seven Wonders from the wetland area or relocate them to another site. The state government was represented by So-licitor General Tushar Mehta and Additional Advocate General Shivmangal Sharma. Chief Secretary Sud-hansh Pant attended the court proceedings via video conference. The next hearing for this case will be held on April 7. ... Read More
Source: Patrika
Dated: Mar 18, 2025
न्यायाधीश अभय ओका और उज्ज्वल भुइयां ने यह आदेश दिया। केन्द्र के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने एनजीटी के आदेश की पालना में किए गए कार्यों की जानकारी दी। सरकार ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत आनासागर से जितना वेटलैंड कम हुआ उसके समान भूमि दे दी जाएगी। झील का वेटलैंड निर्धारित करने के लिए अजमेर कलक्टर लोकबंधु ने कमेटी गठित कर दी है। ... Read More
Source: Nav Bharat Times
Dated: Mar 17, 2025
कोर्ट में सरकार की तरफ से मुख्य सचिव सुधांश पंत ने 12 मार्च को 49 पेज का हलफनामा पेश किया गया। इसमें अब तक की गई पालना, आने वाले महीनों में की जाने वाली कार्रवाई का ब्योरा और प्रोजेक्ट से पहले, वर्तमान के फोटोग्राफ भी पेश किए थे। बता दें कि याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने इस निर्माण को अवैध बताया है। NGT ने पहले ही निर्माण हटाने के आदेश दिए थे। इस पर आज सुप्रीम कोर्ट के जज अभय एस ओखा और उज्जवल बुएन आज सुनवाई की। आज कोर्ट ने सेवन वंडर को तोड़ने या शिफ्ट करने के लिए 6 महीने का समय दिया है। इस मामले में सरकार की ओर से AAG शिवमंगल शर्मा ने पैरवी की। इधर, याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने अपने पक्ष की पैरवी खुद की। ... Read More
#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को दिया 6 माह का समय, सेवन वंडर्स को ध्वस्त या स्थानांतरित करने के लिए दिया समय#SBVideo #SupremeCourt #SachBedhadak pic.twitter.com/YsQGe5l4ba
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) March 17, 2025
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Mar 17, 2025
#Jaipur: अजमेर के सेवन वंडर्स मामले मे सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) March 17, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को दिया 6 माह का समय, सेवन वंडर्स को ध्वस्त या स्थानान्तरित करने के लिए दिया समय...#SupremeCourt #SachBedhadak @RajGovOfficial @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/mIF8kIzKUH
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Mar 17, 2025
अजमेर आनासागर झील सेवन वंडर्स से जुड़ा मामला, सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान सरकार को मिली राहत #FINVideo #FirstIndiaNews #SupremeCourt #RajasthanGovernment #Ajmer pic.twitter.com/ml1oIoO1lu
— First India News Rajasthan (@1stIndiaNewsRaj) March 17, 2025
Source:
First India News Rajasthan
Dated: Mar 09, 2025
#Ajmer: आनासागर झील सेवन वंडर्स से जुड़ा मामला
— First India News Rajasthan (@1stIndiaNewsRaj) March 17, 2025
सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान सरकार को मिली राहत, फिलहाल अवमानना के मामले से बची राजस्थान सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने.... #RajasthanWithFirstIndia #AjmerNews pic.twitter.com/Tk4AUxMQ4M
Source:
First India News Rajasthan
Dated: Mar 17, 2025
Source: Bhaskar
Dated: Mar 17, 2025
सुप्रीम कोर्ट के जज अभय एस ओखा और उज्जवल बुएन ने फैसला सुनाया है। फैसले में सेवन वंडर को तोड़ने या शिफ्ट करने के लिए 6 महीने का समय दिया है। वहीं फूड कोर्ट को 7 अप्रैल तक तोड़ने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने कहा- जितना एरिया वेटलैंड का नष्ट किया गया है। उतना ही सिटी एरिया में वेटलैंड बनाना होगा। इसके लिए 7 अप्रैल को प्रपोजल देना होगा। वहीं गांधी स्मृति उद्यान, पाथ-वे और आजाद पार्क कॉम्पलेक्स पर सुनवाई 7 अप्रैल को होगी। सरकार की ओर से AAG अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने की पैरवी। याचिकाकर्ता की ओर से खुद याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने पैरवी की। ... Read More
Source: First India News
Dated: Mar 08, 2025
Source: News Karnataka
Dated: Mar 10, 2025
Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, representing Rajasthan, emphasized that such actions erode public trust in administrative integrity. The Jaipur Metropolitan II court had earlier denied bail to Singh on March 13, 2024, citing severe damage to the legal system. Khan’s bail plea was also rejected on April 4, 2024, due to his role in arranging the impersonation for financial gain. ... Read More
Source: The Law Advice
Dated: Mar 10, 2025
“We are conscious of the fact that bail once granted is not to be set aside ordinarily, and we wholeheartedly endorse this view. The view taken hereinabove, however, has been taken keeping in view the overall impact of the alleged acts of the respondent-accused and its effect on society,” the Court said. Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma with advocates Amogh Bansal and Nidhi Jawal represented the State of Rajasthan. ... Read More
Source: Verdictum
Dated: Mar 10, 2025
The Division Bench of Justice Sanjay Karol and Justice Ahsanuddin Amanullah asserted, “In India, the reality is that there are far more takers of Government jobs than there are jobs available…Absolute scrupulousness in the process being followed instills and further rejuvenates the faith of the public in the fact that those who are truly deserving of the positions, are the ones who have deservedly been installed to such positions. Each act, such as the one allegedly committed by the respondents represent possible chinks in the faith of the people in the public administration and the executive.” AAG Shiv Mangal Sharma represented the Appellant while AOR Jaydip Pati represented the Respondents. ... Read More
Source: Law Chakra
Dated: Mar 10, 2025
The Supreme Court has directed both accused persons to surrender to the trial court within two weeks. They have also allowed the accused to apply for bail again only after the main witnesses have been examined during the trial. “We are conscious of the fact that bail once granted is not to be set aside ordinarily, and we wholeheartedly endorse this view. The view taken hereinabove, however, has been taken keeping in view the overall impact of the alleged acts of the respondent-accused and its effect on society.” In this case, Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, along with advocates Amogh Bansal and Nidhi Jawal, represented the Rajasthan government. ... Read More
Source: Bar And Bench
Dated: Mar 10, 2025
“We are conscious of the fact that bail once granted is not to be set aside ordinarily, and we wholeheartedly endorse this view. The view taken hereinabove, however, has been taken keeping in view the overall impact of the alleged acts of the respondent-accused and its effect on society,” the Court said. Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma with advocates Amogh Bansal and Nidhi Jawal represented the State of Rajasthan. ... Read More
Source: Bar And Bench Hindi
Dated: Mar 10, 2025
न्यायालय ने कहा कि इस तरह से उन्होंने संभवतः उन लोगों को प्रभावित किया होगा, जिन्होंने नौकरी पाने की उम्मीद में परीक्षा में बैठने के लिए ईमानदारी से प्रयास किया होगा। इसलिए, न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि अभियुक्तों को दी गई जमानत खारिज की जानी चाहिए और अभियुक्तों को मुकदमे का सामना करना चाहिए तथा साबित करना चाहिए कि वे अपराध में शामिल नहीं थे। इस प्रकार, अभियुक्तों को दो सप्ताह के भीतर निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने तथा मुकदमे में महत्वपूर्ण गवाहों की जांच के बाद एक बार फिर जमानत के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया गया। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने अधिवक्ता अमोघ बंसल तथा निधि जावल के साथ राजस्थान राज्य का प्रतिनिधित्व किया। अभियुक्तों का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता जयदीप पति, निशांत बिश्नोई तथा सृष्टि प्रभाकर ने किया। ... Read More
Source: Law Trend
Dated: Mar 10, 2025
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा सार्वजनिक परीक्षा धोखाधड़ी मामले में दो आरोपियों को दी गई जमानत को रद्द कर दिया है। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए आरोपियों इंद्राज सिंह और सलमान खान को दो ... Read More
Source: Zee News Rajasthan
Dated: Mar 08, 2025
कोर्ट ने टिप्पणी की कि भर्ती परीक्षाओं की निष्पक्षता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील पर यह आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इंद्राज सिंह और सलमान खान को जमानत देने के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि मामला परीक्षाओं में संगठित नकल और धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसके पीछे एक रैकेट है. एसओजी की जांच में खुलासा हुआ कि इंद्राज सिंह और सलमान खान ने 50 लाख रुपए की डील की, जिसके अंतर्गत परीक्षा में एक डमी उम्मीदवार बैठाया. ... Read More
Source: Vocal TV
Dated: Mar 08, 2025
एसओजी ने कार्रवाई कर इंद्राज सिंह (30) निवासी टोडरवास मोजावास अजमेर रोड और उसकी जगह एग्जाम देने वाले डमी कैंडिडेट सलमान खान (28) निवासी बुडाना झुंझुनू को गिरफ्तार किया था। एडीजे महानगर द्वितीय ने 13 मार्च-2024 को लगी बेल खारिज की गई थी। 4 अप्रैल-2024 को हाईकोर्ट की ओर से आरोपिताें की जमानत स्वीकार कर ली गई। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसओजी की ओर से अपील दायर की गई। मामले की पैरवी अतिरिक्त राजकीय महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने की। सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील में निर्णय देते हुए हाईकोर्ट जयपुर की ओर से दी गई जमानत को निरस्त करते हुए आरोपिताें को दो सप्ताह में विचारण न्यायालय के समक्ष समर्पण करने के लिए निर्देशित किया है। ... Read More
Source: Khabre Din Raat
Dated: Mar 09, 2025
एसओजी ने कार्रवाई कर इंद्राज सिंह (30) निवासी टोडरवास मोजावास अजमेर रोड और उसकी जगह एग्जाम देने वाले डमी कैंडिडेट सलमान खान (28) निवासी बुडाना झुंझुनू को गिरफ्तार किया था। एडीजे महानगर द्वितीय ने 13 मार्च-2024 को लगी बेल खारिज की गई थी। 4 अप्रैल-2024 को हाईकोर्ट की ओर से आरोपियों की जमानत स्वीकार कर ली गई। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसओजी की ओर से अपील दायर की गई। मामले की पैरवी अतिरिक्त राजकीय महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने की। सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील में निर्णय देते हुए हाईकोर्ट जयपुर की ओर से दी गई जमानत को निरस्त करते हुए आरोपियों को दो सप्ताह में विचारण न्यायालय के समक्ष समर्पण करने के लिए निर्देशित किया है। ... Read More
Source: Khas Khabar
Dated: Mar 08, 2025
13 मार्च 2024 को एडीजे महानगर द्वितीय कोर्ट ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर में अपील की, जहां 4 अप्रैल 2024 को उन्हें जमानत मिल गई। राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एसओजी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, जिसमें अतिरिक्त राजकीय महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने पैरवी की। 7 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने एसओजी की अपील पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को रद्द कर दिया। कोर्ट ने माना कि आरोपियों का कृत्य हजारों परीक्षार्थियों के भविष्य और परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता को आघात पहुंचाने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए आरोपियों को दो सप्ताह में समर्पण करने का आदेश दिया है। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Mar 09, 2025
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती परीक्षा में गड़बडी़ पर सख्ती दिखाते हुए डमी अभ्यर्थी से परीक्षा दिलाने वाले इंद्राज सिंह व फर्जीवाड़े के लिए राशि लेने वाले सलमान खान की जमानत रद्द कर दी। कोर्ट ने सहायक अभियंता सिविल (स्वायत्त शासन विभाग) प्रतियोगी परीक्षा-2022 से जुड़े दोनों आरोपियों से अधीनस्थ न्यायालय में दो सप्ताह में सरेंडर करने को कहा। साथ ही, टिप्पणी की कि भर्ती परीक्षाओं की निष्पक्षता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील पर यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इंद्राज सिंह और सलमान खान को जमानत देने के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि मामला परीक्षाओं में संगठित नकल और धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसके पीछे एक रैकेट है। ... Read More
Source: Law Text
Dated: Mar 09, 2025
We have heard Mr. Shiv Mangal Sharma, learned Additional Advocate General for the State, and the learned senior counsel, Mr. Ashwini Kumar Singh and Mr. Sanjay R. Hegde for the respondents, respectively. The appellant-State wants this Court to set aside the impugned order of the High Court, and send the respondents back behind bars, leaving them to await the filing of chargesheet and the outcome of the trial. At this stage, therefore, let us consider the parameters set out by various pronouncements of this Court pertaining to setting aside of an order of bail. ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Mar 09, 2025
The case revolves around a high-profile examination fraud, where Singh conspired to have a dummy candidate appear in his place for the Assistant Engineer (Civil) Competitive Examination-2022. Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, representing Rajasthan, said the fraud involved tampering with the admit card, pasting another person's photograph, and ensuring that the dummy candidate, Gurdeep Das, took the exam instead of Singh. ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Mar 08, 2025
एडीजे महानगर द्वितीय ने 13 मार्च-2024 को लगी बेल खारिज की गई थी। 4 अप्रैल-2024 को हाईकोर्ट की ओर से आरोपियों की जमानत स्चीकार कर ली गई। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसओजी की ओर से अपील दायर की गई। मामले की पैरवी अतिरिक्त राजकीय महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने की। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस अपील में निर्णय देते हुए हाईकोर्ट जयपुर की ओर से दी गई जमानत को निरस्त करते हुए आरोपियों को दो सप्ताह में विचारण न्यायालय के समक्ष समर्पण करने के लिए निर्देशित किया है। ... Read More
Source: Hindusthan Samachar
Dated: Mar 08, 2025
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि सिविल इंजीनियर प्रतियोगी परीक्षा-2022 में आवेदन करने के बाद अभ्यर्थी इंद्राज सिंह ने अपनी जगह डमी कैंडिडेट गुरदीप दास को बैठाया। इसके लिए सलमान ने डील कराई थी। एएजी ने अदालत को बताया कि यह सिर्फ एक बार ही धोखाधडी का मामला नहीं है। आरोपित गुरदीप चार अन्य समान मामले में शामिल रह चुका है और वर्तमान में फरार चल रहा है। हाईकोर्ट ने आरोपिताें को जमानत देते समय सामाजिक दुष्प्रभाव को अनदेखा किया है। डमी कैंडिडेट का उपयोग केवल व्यक्तिगत धोखाधडी नहीं है, बल्कि यह पूरी भर्ती प्रणाली के खिलाफ अपराध है। इससे भर्ती की विश्वसनीयता भी प्रभावित होती है। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का दोनों आरोपिताें को जमानत देने का आदेश रद्द करते हुए उन्हें दो सप्ताह में सरेंडर करने को कहा है। ... Read More
Source: ETV Bharat
Dated: Mar 08, 2025
जयपुर: सुप्रीम कोर्ट ने आरपीएससी की ओर से आयोजित सिविल इंजीनियर भर्ती-2022 में डमी कैंडिडेट बैठाने के मामले में जमानत पर रिहा चल रहे आरोपी इंद्राज सिंह और सलमान खान की जमानत को रद्द कर दिया है. जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की ओर से दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने मामले में हाईकोर्ट की ओर से आरोपियों को जमानत देने के आदेश को निरस्त करते हुए दोनों आरोपियों को दो सप्ताह में संबंधित निचली अदालत में सरेंडर करने को कहा है. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि सिविल इंजीनियर प्रतियोगी परीक्षा-2022 में आवेदन करने के बाद अभ्यर्थी इंद्राज सिंह ने अपनी जगह डमी कैंडिडेट गुरदीप दास को बैठाया. इसके लिए सलमान ने डील कराई थी. एएजी ने अदालत को बताया कि यह सिर्फ एक बार ही धोखाधड़ी का मामला नहीं है. ... Read More
Source: Khas Khabar
Dated: Mar 08, 2025
13 मार्च 2024 को एडीजे महानगर द्वितीय कोर्ट ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर में अपील की, जहां 4 अप्रैल 2024 को उन्हें जमानत मिल गई। राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एसओजी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, जिसमें अतिरिक्त राजकीय महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने पैरवी की। 7 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने एसओजी की अपील पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को रद्द कर दिया। कोर्ट ने माना कि आरोपियों का कृत्य हजारों परीक्षार्थियों के भविष्य और परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता को आघात पहुंचाने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए आरोपियों को दो सप्ताह में समर्पण करने का आदेश दिया है। ... Read More
Source: Bharat Express
Dated: Mar 08, 2025
राजस्थान सरकार की दलील राजस्थान सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने कोर्ट में दलील दी कि यह कोई अलग-थलग मामला नहीं, बल्कि सरकारी परीक्षाओं में संगठित नकल और धोखाधड़ी से जुड़ा एक बड़ा रैकेट है. उन्होंने कहा कि सरकारी भर्ती परीक्षाएं योग्यता आधारित प्रणाली की नींव हैं और ऐसी धोखाधड़ी से जनता का सरकार और भर्ती प्रक्रिया में विश्वास कमजोर होगा. उन्होंने यह भी बताया कि मुख्य आरोपी गुरदीप दास अभी भी फरार है और उसकी गिरफ्तारी के बिना इस पूरे रैकेट का खुलासा नहीं हो सकता. अगर जमानत दी गई, तो जांच प्रभावित होगी और सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका बढ़ जाएगी. ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Mar 08, 2025
सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने इस पूरे मामले में सरकार का पक्ष रखा। AAG शर्मा ने बताया- सहायक अभियंता (सिविल) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में आवेदन करने के बाद अभ्यर्थी इंद्राज सिंह ने अपनी जगह किसी दूसरे डमी कैंडिडेट गुरदीप दास को बैठा दिया। इसकी सलमान खान ने डील करवाई थी। इस मामले पर राजस्थान विशेष अभियान समूह (SOG) ने इंद्राज सिंह और सलमान खान को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद दोनों ही आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई, जिसमें हाईकोर्ट ने दोनों को मई 2024 में जमानत दे दी। ... Read More
Source: Namaste Rajasthan
Dated: Feb 24, 2025
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि राज्य में कोई अवैध खनन नहीं हो रहा हैं। सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पूरी तरह से पालना कर रही हैं। प्रदेश में खनन नियमों को सख्ती से लागू किया गया हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में राजस्थान में बजरी खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि बजरी का अत्यधिक दोहन पर्यावरणीय दृष्टि से हानिकारक हैं। वहीं यह खनन पुर्नभरण अध्ययन के बिना किया जा रहा हैं। ... Read More
#Jaipur: नकलची गैंग को 'सुप्रीम झटका'#LatestNews #RajasthanNews #RajasthanWithZee pic.twitter.com/zy1ieYWNNR
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) March 9, 2025
Source:
Zee Rajasthan
Dated: Mar 09, 2025
#Delhi: सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से झटका
— First India News Rajasthan (@1stIndiaNewsRaj) March 8, 2025
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक अभियंता (सिविल) परीक्षा-2022, डमी अभ्यर्थियों की व्यवस्था करने वाले...#FirstIndiaNews #SupremeCourt pic.twitter.com/iqA3Fn1vHX
Source:
1stn India News Rajasthan
Dated: Mar 08, 2025
#Jaipur: SOG-ATS मुख्यालय से खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) March 8, 2025
SOG टीम द्वारा डमी केंडिडेट की सर्वोच्च न्यायालय से करवाई जमानत खारिज, एईएन सिविल परीक्षा 2022 में इंद्राज सिंह के स्थान पर डमी अभ्यर्थी सलमान खान...@jaipur_police #SachBedhadak pic.twitter.com/1IPy6XNOAK
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Mar 08, 2025
डमी अभ्यर्थी मामले में आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका#EducationNagari pic.twitter.com/B7NMyBKnb4
— Education Nagari (@educationnagari) March 8, 2025
Source:
Education Nagari
Dated: Feb 08, 2025
#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) March 7, 2025
राज्य में खनन लाइसेंस की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, राज्य में LoI और PLs जारी करने की प्रक्रिया पर यथास्थिति के आदेश...#SupremeCourt pic.twitter.com/PRJgIe3P7R
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Mar 07, 2025
Source:
LOK UJALA NEWS
Dated: Feb 26, 2025
Source: Namaste Rajasthan
Dated: Feb 24, 2025
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि राज्य में कोई अवैध खनन नहीं हो रहा हैं। सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पूरी तरह से पालना कर रही हैं। प्रदेश में खनन नियमों को सख्ती से लागू किया गया हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में राजस्थान में बजरी खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि बजरी का अत्यधिक दोहन पर्यावरणीय दृष्टि से हानिकारक हैं। वहीं यह खनन पुर्नभरण अध्ययन के बिना किया जा रहा हैं। ... Read More
Source: Aaj Tak
Dated: Feb 25, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से याचिकाकर्ता से सवाल किया कि हमें कोई ऐसा ठोस साक्ष्य दिखाइए जिससे यह साबित हो कि जिन 82 खदान मालिकों के खनन कार्यों को बंद करने का आदेश दिया गया था, वे अब भी खनन कर रहे हैं? इस पर नवीन शर्मा ने स्वीकार किया कि ये 82 खदान मालिक खनन नहीं कर रहे, लेकिन उन्होंने दावा किया कि अन्य लोग अवैध खनन में संलिप्त हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की, 'अगर ऐसा है तो आपका उपाय इस अवमानना याचिका में नहीं बल्कि कहीं और है.' राजस्थान सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल अटॉर्नी जनरल शिव मंगल शर्मा ने इन आरोपों का खंडन किया और दृढ़तापूर्वक कहा कि वर्तमान में राज्य में कोई अवैध खनन नहीं हो रहा है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेशों का पूरी तरह पालन किया है और खनन नियमों को सख्ती से लागू कर रही है. ... Read More
Source: Patrika
Dated: Feb 26, 2025
न्यायाधीश संजय करील और न्यायाधीश प्रशांत मित्रा की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील या यह आदेश दिय। राज्य सरकार ने चष्टाचार को लेकर सुरेंद्र सिंह रातोड़ मामले में दर्ज एक एफआइआर को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेस को चुवैती थी श्री। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि कष्टाचार के को जग करने के लिए दूसरी एफआइआर आवश्यक थी। बाहरी राठौड़ की ओर से धरिष्ठ अधिवक्ता मन्द्र सिंह ने पैरवी की। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Feb 26, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में वैज्ञानिक पुनर्भरण अध्ययन और पर्यावरणीय मंजूरी के बिना बजरी के खनन पर पाबंदी लगा दी थी। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अदालती आदेशों के बावजूद राजस्थान में बड़े पैमाने पर बजरी का अवैध खनन जारी है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उनके पास 82 खदान मालिकों के खनन कार्य जारी रखने का कोई प्रमाण है। याचिकाकर्ता ने जवाब में कहा कि ये खनन नहीं कर रहे, लेकिन अन्य लोग अवैध खनन में लिप्त हैं। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि अगर ऐसा है तो उपाय अवमानना याचिका नहीं, बल्कि अन्य माध्यम है। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कहा कि राज्य में अवैध खनन रोकने के लिए कोर्ट के आदेशों और नियमों की पूरी तरह पालन की जा रही है। ... Read More
Source: Punjab Kesari
Dated: Feb 26, 2025
राजस्थान सरकार ने किया अवैध खनन से इनकार सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने पक्ष रखा और कहा कि राज्य में कोई अवैध बजरी खनन नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरी तरह पालन कर रही है और प्रदेश में खनन नियमों को सख्ती से लागू किया गया है। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने लगाया था प्रतिबंध गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में राजस्थान में बजरी खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था। अदालत ने आदेश में कहा था कि अंधाधुंध बजरी खनन पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है और यह पुनर्भरण अध्ययन (Replenishment Study) के बिना किया जा रहा था, जो कि नियमों के खिलाफ है। ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Feb 26, 2025
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि राज्य में कोई अवैध खनन नहीं हो रहा हैं। सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पूरी तरह से पालना कर रही हैं। प्रदेश में खनन नियमों को सख्ती से लागू किया गया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में राजस्थान में बजरी खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि बजरी का अत्यधिक दोहन पर्यावरणीय दृष्टि से हानिकारक हैं। वहीं यह खनन पुनर्भरण अध्ययन के बिना किया जा रहा है। ... Read More
Source: Aaj Tak
Dated: Feb 24, 2025
राजस्थान सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शिव मंगल शर्मा और अधिवक्ता सौरभ राजपाल ने काउंटर एफिडेविट में तर्क दिया कि किशोर एक आदतन अपराधी है और उसका परिवार उसे नियंत्रित करने में असमर्थ है. उन्होंने जोर देकर कहा कि किशोर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है और जमानत मिलने पर वह फिर से अपराध में शामिल हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि मुकदमे की कार्यवाही में तेजी लाई जाए ताकि न्याय शीघ्र सुनिश्चित हो सके. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका का कर्तव्य है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाए और आरोपी की जमानत से समाज में खतरा न फैलने दिया जाए. ... Read More
#Jaipur: भीलवाड़ा में खान में चोरी का मामला
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) February 25, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक, हाईकोर्ट ने CBI जांच के दिए थे आदेश, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच के आदेश पर लगाई रोक, मामले में पूर्व मंत्री रामलाल जाट और अन्य है आरोपी,
मामले में सॉलिसिटर जनरल और अतिरिक्त…
Source:
Zee Rajasthan
Dated: Feb 25, 2025
Source: Aaj Tak
Dated: Feb 24, 2025
राजस्थान सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शिव मंगल शर्मा और अधिवक्ता सौरभ राजपाल ने काउंटर एफिडेविट में तर्क दिया कि किशोर एक आदतन अपराधी है और उसका परिवार उसे नियंत्रित करने में असमर्थ है. उन्होंने जोर देकर कहा कि किशोर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है और जमानत मिलने पर वह फिर से अपराध में शामिल हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि मुकदमे की कार्यवाही में तेजी लाई जाए ताकि न्याय शीघ्र सुनिश्चित हो सके. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका का कर्तव्य है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाए और आरोपी की जमानत से समाज में खतरा न फैलने दिया जाए. ... Read More
Source: Patrika
Dated: Feb 24, 2025
राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सीबीआइ जांच के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस मामले की जांच करने में सक्षम है और निष्पक्ष जांच की जा रही है। असाधारण परिस्थितियों में ही सीबीआइ को जांच दी जानी चाहिए, इसे पुलिस जांच का नियमित विकल्प नहीं बनाया जा सकता। उधर, सीबीआइ जांच की मांग करने वाले परिवादी परमेश्वर रामलाल जोशी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया। ... Read More
Source: Bharat Express
Dated: Feb 24, 2025
The court found the juvenile to be a habitual offender, noting his involvement in multiple serious crimes. The Rajasthan Government’s Advocate General, Shiv Mangal Sharma, presented evidence showing that the juvenile had pending criminal cases involving threats, extortion, and attempts at murder. Despite his age, the court noted that he had shown no remorse for his actions, and his pattern of criminal behavior suggested that releasing him on bail would significantly increase the risk of him re-engaging in criminal activity. ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Feb 25, 2025
The court also directed Juvenile Justice Board to expedite trial proceedings against the accused, ensuring swift justice. Additional advocate general Shiv Mangal Sharma, arguing for the state, contended that the accused had a history of criminal involvement and posed a serious threat to public safety. "We strongly opposed bail, citing the juvenile's association with the Lawrence Bishnoi gang and his role in multiple extortion and criminal intimidation cases," Sharma said. ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Feb 25, 2025
The case pertains to mines in Bhilwara, where a longstanding dispute between business partners has been ongoing since 2003. "Over the years, multiple FIRs were filed, reflecting continuous conflicts over ownership, shareholding, and financial transactions related to mining operations. The present FIRs involve allegations of forgery of a rent agreement and theft of mining equipment, which the complainant claims occurred between 2018 and 2021 but were only registered in 2024," said Shiv Mangal Sharma, additional advocate general (AAG) who represented the state govt. ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Feb 24, 2025
जोशी ने शुक्ला और गोयल के खिलाफ मशीन चोरी का मामला दर्ज कराया था। इसी तरह से जोशी ने वर्ष 2014 से 2018 के बीच पार्टनर रहे सुशील जैन के खिलाफ भी वर्ष 2017 में मशीन चोरी का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में पूर्व मंत्री रामलाल जाट भी आरोपी थे। इस प्रकरण में एफआर लग चुकी है। वर्ष 2021 से पार्टनर रहे सुरेश जाट व अन्य के खिलाफ भी इसी तरह मशीन चोरी का मामला वर्ष 2023 में दर्ज कराया। इसमें भी सीआईडीसीबी ने एफआर लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट मंे सुनवाई में सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने पक्ष रखा। उनका कहना था कि सीबीआई जांच का आदेश अनुचित है। राज्य पुलिस पूरी तरह सक्षम है और मामले की जांच कर रही है। सरकार का तर्क था कि सीबीआई जांच केवल ‘असाधारण परिस्थितियों में ही होनी चाहिए। ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Feb 24, 2025
राजस्थान सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शिव मंगल शर्मा और अधिवक्ता सौरभ राजपाल ने काउंटर एफिडेविट में तर्क दिया कि किशोर एक आदतन अपराधी है और उसका परिवार उसे नियंत्रित करने में असमर्थ है. उन्होंने जोर देकर कहा कि किशोर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है और जमानत मिलने पर वह फिर से अपराध में शामिल हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि मुकदमे की कार्यवाही में तेजी लाई जाए ताकि न्याय शीघ्र सुनिश्चित हो सके. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका का कर्तव्य है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाए और आरोपी की जमानत से समाज में खतरा न फैलने दिया जाए. ... Read More
Source: Aaj Tak
Dated: Feb 24, 2025
राजस्थान सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शिव मंगल शर्मा और अधिवक्ता सौरभ राजपाल ने काउंटर एफिडेविट में तर्क दिया कि किशोर एक आदतन अपराधी है और उसका परिवार उसे नियंत्रित करने में असमर्थ है. उन्होंने जोर देकर कहा कि किशोर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है और जमानत मिलने पर वह फिर से अपराध में शामिल हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि मुकदमे की कार्यवाही में तेजी लाई जाए ताकि न्याय शीघ्र सुनिश्चित हो सके. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका का कर्तव्य है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाए और आरोपी की जमानत से समाज में खतरा न फैलने दिया जाए. ... Read More
Source: Bharat Express
Dated: Feb 24, 2025
कोर्ट ने यह भी कहा कि उसमें सुधरने गुंजाइश कम है. जुवेनाइल पर एक बिजनेसमैन से 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का आरोप है. राजस्थान सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने कोर्ट को बताया कि जुवेनाइल के खिलाफ पहले से ही छह आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें हत्या के प्रयास, फिरौती, आपराधिक धमकी और अवैध हथियार रखने के आरोप शामिल हैं. ... Read More
#Jaipur: लॉरेंस गैंग से जुड़े नाबालिग आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 24, 2025
राजस्थान हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी जमानत देने से किया इनकार, जयपुर के व्यापारी को धमकी देकर मांगी...#SachBedhadak #RajasthanNews #SupremeCourt @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/cEZxl67eDU
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 24, 2025
Lawrence Bishnoi: लॉरेंस गैंग से जुड़े नाबालिग आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से झटका#Rajasthan #SupremeCourt #RajasthanHighCourt #LawrenceBishnoi #SachBedhadak @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/7ChcuATKmQ
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 24, 2025
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 24, 2025
Source: Live Law
Dated: Feb 24, 2025
The Supreme Court recently expressed displeasure with the State of Rajasthan's failure to comply with its earlier order regarding the restoration of wetlands in Ajmer City as part of the Union's Smart City Development Mission and warned of potential contempt proceedings if the orders remain unfulfilled. “In view of non-compliance with the order dated 1st December, 2023, before we consider... ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Feb 24, 2025
सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि ये निर्माण अजमेर स्मार्ट सिटी परियोजना का हिस्सा हैं और अजमेर मास्टर प्लान का अनुपालन करते हैं। हम इस बात पर कायम हैं कि सेवन वंडर्स और अन्य संरचनाएं वेटलैंड क्षेत्र से बाहर थीं और झील के पारिस्थितिक संतुलन को प्रभावित नहीं करती थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि "जनवरी 2024 के हलफनामे में राजस्थान सरकार अनुपालन उपायों को पर्याप्त रूप से संबोधित करने में विफल रही। सुप्रीम कोर्ट अनुपालन में देरी से खफा था। ... Read More
#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 24, 2025
पूर्व मंत्री रामलाल जाट और एडीजी के भाई को मिली राहत, भीलवाड़ा खदान मामले में सीबीआई जांच के आदेश पर रोक...#SachBedhadak #SupremeCourt @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/z6BPTgcqgb
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 24, 2025
Source: Bhaskar
Dated: Feb 20, 2025
हार्डकोर गो तस्कर नाजिम खान के मामले में राजस्थान सरकार की याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को पक्षकार बनाया है। यूपी सरकार से नाजिम खान के संबंध में लंबित तमाम मामलों की जानकारी मांगी है। साथ ही फरारी पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए है। जस्टिस सूर्यकांत और नोंगमीकापम कोटेश्वर सिंह की पीठ ने ये आदेश राजस्थान सरकार की ओर से लगाई गई जमानत रद्द करने की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए। कोर्ट में राजस्थान सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की। ... Read More
#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार को बड़ी सफलता
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 21, 2025
गौतस्कर नाजिम खान की जमानत से जुड़ा मामला, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बनाया पक्षकार, राजस्थान सरकार की...#SachBedhadak #SupremeCourt @RajGovOfficial @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/o3XXMBmrxj
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 21, 2025
सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार को बड़ी सफलता, गौतस्कर नाजिम खान की जमानत से जुड़ा मामला#SachBedhadak #SupremeCourt #RajasthanNews #SBVideo pic.twitter.com/tfQ6GBa9lA
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 21, 2025
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 21, 2025
Source: GNT TV
Dated: Feb 21, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए राज्य सरकार की अपील को मंजूर कर लिया, "दूसरी FIR को खारिज करना भ्रष्टाचार की जांच को शुरुआती चरण में ही खत्म कर देगा, जो समाज के हित में नहीं है." इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा और एडवोकेट सौभाग्य सुंद्रीयाल, रुस्तम सिंह चौहान, और निधि जसवाल ने पैरवी की. वहीं, सुरेंद्र सिंह राठौड़ की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह और एडवोकेट आनंद वर्मा, आयुष गुप्ता, और रंगा शरण ने दलीलें पेश कीं. ... Read More
Source: Verdictumthan
Dated: Feb 20, 2025
The sole question for consideration before the Bench was whether the registration of the subsequent FIR is legally permissible and whether the High Court was correct in exercising its inherent powers in quashing the same. AAG Shiv Mangal Sharma appeared for the Appellant/State while Senior Advocate Maninder Singh appeared for the Respondent/Accused. ... Read More
Source: Law Chakra
Dated: Feb 20, 2025
However, the Rajasthan government challenged this decision in the Supreme Court. The Supreme Court ruled in favor of the Rajasthan government, saying that the second First Information Report covered a larger issue of “widespread corruption” in the department and was much broader than the first FIR. The Rajasthan government was represented by Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma and Advocates Saubhagya Sundriyal, Rustam Singh Chauhan, and Nidhi Jaswal. ... Read More
#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 21, 2025
सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार की बड़ी जीत, भष्ट्राचार के मामलों में दूसरी एफआईआर को ठहराया वैध, राजस्थान हाई कोर्ट के...#SachBedhadak #SupremeCourt @RajGovOfficial @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/tmxIDCYPrp
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 21, 2025
#Jaipur: दौसा के समलेटी में 1996 में हुए बस में बम विस्फोट का मामला
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 20, 2025
आरोपी अब्दुल हमीद की मौत की सजा पर अंतिम निर्णय करेगा सुप्रीम कोर्ट, आरोपी अब्दुल हमीद को वीसी के जरिए कोर्ट में पेश होने के दिए आदेश...#SachBedhadak pic.twitter.com/Rb79FgFUjY
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 20, 2025
#Delhi: 1996 में दौसा के समलेटी में बम धमाका कांड
— First India News (@1stIndiaNews) February 20, 2025
आरोपी अब्दुल हमीद की मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट करेगा अंतिम निर्णय, जयपुर सेंट्रल जेल में बंद मौत की सजा....#FirstIndiaNews #DelhiNews pic.twitter.com/9QPv74HNkR
Source:
First India News
Dated: Feb 20, 2025
#Delhi: 1996 दौसा (समलेटी)राजस्थान रोडवेज में बम विस्फोट का मामला
— First India News (@1stIndiaNews) February 20, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई की प्रारंभ, जारी किए नोटिस, राजस्थान सरकार की तरफ से ASG राजा ठाकरे और अतिरिक्त...#FirstIndiaNews #SupremeCourt pic.twitter.com/RrmBcmlsa8
Source:
First India News
Dated: Feb 20, 2025
Source: Aap Ka Rajasthan
Dated: Feb 20, 2025
इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजा ठाकरे और शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की। वहीं आरोपियों की ओर से अपना पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ वकील कामिनी जायसवाल और अन्य वकील मौजूद रहे। मामले में आरोपी अब्दुल हमीद को ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था। इसके बाद आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। ... Read More
Source: Zee Rajasthan
Dated: Feb 20, 2025
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि इस अदालत को आदेश देने वाली अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कौन होती है. NGT 21 दिसंबर 2022 के आदेश के बाद भी आनासागर झील के आसपास फूटपाथ और अन्य निर्माण कार्य कैसे हुए. आश्चर्य व्यक्त करते हुए कोर्ट ने कहा कि अजमेर की प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट कर स्मार्ट सिटी बनाने की कोशिश क्यों कि जा रही है. राज्य सरकार के ओर से पेश अधिवक्ता जनरल शिव मंगल शर्मा ने अदालत को बताया कि आनासागर झील के आसपास अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. ... Read More
Source: News Express 24
Dated: Feb 20, 2025
कोर्ट ने साफ चेतावनी देते हुए बोला कि “यदि गवर्नमेंट और अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड इसी तरह गुमराह करती रही तो हम अवमानना कार्यवाही प्रारम्भ करेंगे.” इसके साथ ही, राजस्थान गवर्नमेंट के मुख्य सचिव को 17 मार्च 2025 को पर्सनल रूप से न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है. इस मुद्दे में याचिकाकर्ता अशोक मलिक स्वयं न्यायालय में पेश हुए, जबकि गवर्नमेंट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की. अब 17 मार्च 2025 को अगली सुनवाई होगी, जिसमें राज्य गवर्नमेंट को उत्तर देना होगा कि आखिर अनासागर झील की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए? ... Read More
Source: Janpatra
Dated: Feb 20, 2025
सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव सुधांशु पंत को 17 मार्च 2025 को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि हम राज्य सरकार के रवैये से संतुष्ट नहीं हैं। इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की, जबकि याचिकाकर्ता अशोक मलिक प्रतिवादी के रूप में स्वयं बिना किसी वकील के उपस्थित रहे। ... Read More
Source: Punjab Kesari
Dated: Feb 20, 2025
राजस्थान सरकार की ओर से इस गंभीर मामले में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजा ठाकरे और शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की, जबकि आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल समेत अन्य वकील मौजूद रहे। केस में आरोपी अब्दुल हमीद को ट्रायल कोर्ट द्वारा मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी, जिसे राजस्थान हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा था। इसके बाद अब्दुल हमीद ने सुप्रीम कोर्ट में इस सजा के खिलाफ अपील दायर की। इस मामले में अन्य कई आरोपियों ने भी निचली अदालतों के फैसलों के खिलाफ अपील दायर की है। ... Read More
Source: India News
Dated: Feb 20, 2025
आपको बता दें कि राजस्थान सरकार की तरफ से इस मामले में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजा ठाकरे और शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की। वहीं, आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल समेत अन्य वकील पक्ष रखने के लिए मौजूद रहे। केस में आरोपी अब्दुल हमीद को ट्रायल कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा। इसके बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। ... Read More
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Feb 20, 2025
राजस्थान सरकार की ओर से इस मामले में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजा ठाकरे और शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की. वहीं, आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल समेत अन्य वकील पक्ष रखने के लिए मौजूद रहे. केस में आरोपी अब्दुल हमीद को ट्रायल कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा. इसके बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की. ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Feb 21, 2025
The Samleti bomb explosion of May 22, 1996 occurred in a bus on National Highway 11 while it was on its way to Soron in Uttar Pradesh from Bikaner. A trial court in Bandikui awarded capital punishment to accused Abdul Hameed and life imprisonment to six in Sept 2014. HC also upheld life imprisonment of Pappu, tried separately at Bandikui court, advocate general Shiv Mangal Sharma said. ... Read More
#Delhi: अजमेर की आनासागर झील के पास सेवन वंडर्स निर्माण से जुड़ा मामला
— First India News (@1stIndiaNews) February 19, 2025
सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान सरकार को बड़ा झटका, मुख्य सचिव को प्रकरण में व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने के दिए निर्देश...#FirstIndiaNews #RajasthanGovernment #SupremeCourt pic.twitter.com/CJrTK1LYR9
Source:
First India News
Dated: Feb 19, 2025
अजमेर की आनासागर झील के पास सेवन वंडर्स निर्माण से जुड़ा मामला#TheNagariMedia pic.twitter.com/Zg3I79QCbE
— The Nagari News (@TheNagariMedia) February 19, 2025
Source:
The Nagari News
Dated: Feb 19, 2025
Source: Bharat Express
Dated: Feb 20, 2025
वहीं कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कौन होती हैं इस अदालत को आदेश देने वाली. कोर्ट ने कहा कि एनजीटी 21 दिसंबर 2022 के आदेश के बावजूद आनासागर झील के आसपास फुटपाथ और अन्य निर्माण कार्य कैसे हुए? कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि अजमेर की प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट कर स्मार्ट सिटी बनाने की कोशिश क्यों कि जा रही है. राज्य सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने अदालत को बताया कि झील के आसपास अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस पर अदालत ने पूछा कि यह रिपोर्ट कहां है और आपने सेवन वंडर्स पार्क के खिलाफ क्या कदम उठाए गए हैं? कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार और अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड इसी तरह गुमराह करती रही तो हम अवमानना की कार्यवाही शुरू करेंगे. ... Read More
Source: Khas Khabar
Dated: Feb 20, 2025
मुख्य सचिव को 17 मार्च को अदालत में पेश होने का आदेश कोर्ट ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि "यदि सरकार और अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड इसी तरह गुमराह करती रही तो हम अवमानना कार्यवाही शुरू करेंगे।" इसके साथ ही, राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को 17 मार्च 2025 को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में याचिकाकर्ता अशोक मलिक स्वयं अदालत में पेश हुए, जबकि सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की। अब 17 मार्च 2025 को अगली सुनवाई होगी, जिसमें राज्य सरकार को जवाब देना होगा कि आखिर अनासागर झील की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए? ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Feb 20, 2025
NGT also ordered immediate demolition of the Seven Wonders Park, Patel Stadium, Gandhi Smriti Udyan, and the Food Court built around the lake on on Aug 11, 2023. "We pleaded in the SC that NGT exceeded its jurisdiction as constructions were part of Ajmer Smart City Project and complied with Ajmer Master Plan. We maintained that the Seven Wonders Park and other structures were outside the wetland area and did not affect the lake's ecological balance. We even engaged MNIT Jaipur to study environmental impacts and propose remedial measures instead of demolition," said Shiv Mangal Sharma, additional advocate general (AAG) who represented Rajasthan at the SC in this case. ... Read More
Source: NDTV
Dated: Feb 14, 2025
जब राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा से यह पूछा गया कि राजस्थान में अपील और मामलों को न्यायालयों में प्रस्तुत करने की क्या प्रक्रिया है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें मध्य प्रदेश के इस मामले में पारित आदेशों की जानकारी है. उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान सरकार के पास पहले से ही समय पर अपील दायर करने के लिए परिपत्र और नीति है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह राजस्थान सरकार से भी अनुरोध करेंगे कि वह अपनी पुरानी प्रणाली की समीक्षा करे और एक ठोस नीति तैयार करे, जिससे न्यायालयों में समय पर मामले दायर किए जाएं और केवल विलंबित याचिकाओं के आधार पर मामलों को खारिज करने के बजाय उनके गुण-दोष पर सुनवाई हो सके. ... Read More
Source: Samachar Plus 24x7
Dated: Feb 10, 2024
Source: News 4 Social
Dated: Feb 11, 2025
एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि सरकार ने दो अर्जियां दायर की हैं। इनमें कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्ट्स अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थीं और इसके चलते पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को बरी कर दिया। इसकी जांच के लिए गठित हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस राठौड़ की कमेटी ने भी इस मामले की समीक्षा की थी और प्रारंभिक रिपोर्ट में कई गंभीर खामियां बताई थीं। ऐसे में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने में गंभीर चूक हुई थी, जिससे महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ठोस सबूतों की अनदेखी की गई। ... Read More
Source: Hndusthan Samachar
Dated: Feb 10, 2025
मामले से जुड़े एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने दो अर्जियां दायर की हैं। इनमें कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्टस अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थी और इसके चलते ही पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को बरी कर दिया था। इसकी जांच के लिए गठित हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस राठौड़ की कमेटी ने भी इस मामले की समीक्षा की थी और प्रारंभिक रिपोर्ट में कई गंभीर खामियां बताई थीं। ऐसे में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने में गंभीर चूक हुई थी, जिससे महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ठोस सबूतों की अनदेखी की गई। इसलिए राज्य सरकार ने इन गलतियों को सुधारने व भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा मामले में आरोपी पूर्व आईएएस जीएस संधू, निष्काम दिवाकर और ओंकारमल सैनी के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के प्रार्थना पत्र को खारिज करने के खिलाफ दायर निगरानी को भी वापस लेने की गुहार की है। ... Read More
Source: Live Hindustan
Dated: Feb 10, 2025
एएजी ने कही ये बातः सुनवाई के दौरान पक्षकारों के अधिवक्ता एसएस होरा ने कहा कि वे राज्य सरकार की रिवीजन का जवाब देंगे। मामले से जुड़े एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने दो अर्जियां दायर की हैं। इनमें कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्टस अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थी और इसके चलते ही पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को बरी कर दिया था। इसकी जांच के लिए गठित हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस राठौड़ की कमेटी ने भी इस मामले की समीक्षा की थी और प्रारंभिक रिपोर्ट में कई गंभीर खामियां बताई थीं। ... Read More
Source: दैनिक नवज्योति
Dated: Feb 11, 2025
इससे पहले जब अशोक पाठक ने अदालत से मामले में खुद का वकील बदलने के लिए कहा तो अदालत ने उन्हें भी फटकार लगाते हुए कहा कि केस की जल्द सुनवाई करनी हैए वकील अभी तक क्यों नहीं बदला। सुनवाई के दौरान पक्षकारों के अधिवक्ता एसएस होरा ने कहा कि वे राज्य सरकार की रिवीजन याचिका का जवाब देंगे। मामले से जुड़े एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने दो अर्जियां दायर की हैं।
Source: Rashtra Doot
Dated: Feb 11, 2025
सुनवाई के दौरान पक्षकारों के अधिवक्ता एसएस होरा ने कहा कि वे राज्य सरकार की रिवीजन का जवाब देंगे। मामले से जुड़े एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने दो अर्जियां दायर की है। इनमें कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्टस अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थी और इसके चलते ही पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को बरी कर दिया था। ... Read More
Source: First India
Dated: Feb 11, 2025
Shanti Dhariwal revealed that he had never engaged Kapil Sibal, P Chidambaram, or Abhishek Manu Singhvi for his legal matters. Dhariwal was represented by advocates VR Bajwa and SS Hora, while Solicitor General Tushar Mehta is presenting the govt’s case through a VC. Additional Solicitor General SV Raju, AAG Shivmangal Sharma, and Special Public Prosecutor Anurag Sharma are also present in court to argue on behalf of the state.Earlier, Raju, Shivmangal, ASP Pushpendra Singh, ASP Bajrang Singh, RAS Apurva, & Tehsildars attended a high-level meeting at Marriott Hotel in Jaipur to discuss the case. ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Feb 11, 2025
Additional solicitor general SV Raju, along with additional advocate general Shiv Mangal Sharma, submitted that state govt intends to conduct a fresh investigation into the matter, asserting the closure reports submitted by Anti-Corruption Bureau (ACB) earlier were flawed and did not consider the correct evidence and facts. ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Feb 11, 2025
एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि सरकार ने दो अर्जियां दायर की हैं। इनमें कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोट्र्ट्स अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थीं और इसके चलते पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को बरी कर दिया। इसकी जांच के लिए गठित हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस राठौड़ की कमेटी ने भी इस मामले की समीक्षा की थी और प्रारंभिक रिपोर्ट में कई गंभीर खामियां बताई थीं। ऐसे में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने में गंभीर चूक हुई थी, जिससे महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ठोस सबूतों की अनदेखी की गई।
Source: Hans India
Dated: Feb 10, 2025
Solicitor General Tushar Mehta will present arguments via video conferencing on behalf of the state government, while Additional Solicitor General S.V. Raju and the state’s Additional Advocate General in the Supreme Court, Shivmangal Sharma, will be present in court. During the proceedings, the court may also consider the state government's applications seeking permission to prosecute Dhariwal and other officials involved. ... Read More
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Feb 10, 2025
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू, अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा, सोनाली गौड़ और हितार्थ की सहायता से उपस्थित हुए. राज्य सरकार का बदला हुआ रुख और नए सिरे से जांच की मांग एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह अब अपनी पुनरीक्षण याचिका को आगे नहीं बढ़ाना चाहती. सरकार ने आगे कहा कि वह इस मामले में नई जांच करना चाहती है, क्योंकि पहले दायर की गई क्लोज़र रिपोर्ट्स दोषपूर्ण थीं और उन्होंने सही साक्ष्यों और तथ्यों को ध्यान में नहीं रखा था. ... Read More
Source: Weekly Voice
Dated: Feb 10, 2025
Solicitor General Tushar Mehta will present arguments via video conferencing on behalf of the state government, while Additional Solicitor General S.V. Raju and the state’s Additional Advocate General in the Supreme Court, Shivmangal Sharma, will be present in court. During the proceedings, the court may also consider the state government’s applications seeking permission to prosecute Dhariwal and other officials involved. ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Feb 10, 2025
सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हाईकोर्ट ने करीब दो महीने पहले फिर से मामले की सुनवाई शुरू की थी। ... Read More
Source: Ten News
Dated: Feb 10, 2025
The hearing, overseen by Chief Justice M.M. Shrivastava as per the Supreme Court’s directive, could add to Dhariwal’s legal troubles, officials said. Even after 14 years, the former Minister continues to face scrutiny in the matter. Solicitor General Tushar Mehta will present arguments via video conferencing on behalf of the state government, while Additional Solicitor General S.V. Raju and the state’s Additional Advocate General in the Supreme Court, Shivmangal Sharma, will be present in court. ... Read More
Source: The News Minute
Dated: Feb 10, 2025
Solicitor General Tushar Mehta will present arguments via video conferencing on behalf of the state government, while Additional Solicitor General S.V. Raju and the state’s Additional Advocate General in the Supreme Court, Shivmangal Sharma, will be present in court. During the proceedings, the court may also consider the state government's applications seeking permission to prosecute Dhariwal and other officials involved. ... Read More
Source: Samachar Nama
Dated: Feb 10, 2025
तुषार मेहता और कपिल सिब्बल सहित कई प्रसिद्ध वकील इस मामले पर बहस करेंगे। इस मामले की सुनवाई में दोनों पक्षों के वरिष्ठ वकील बहस करेंगे। राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू, अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिवमंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा उपस्थित रहेंगे। जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद दलीलें पेश करेंगे। कार्यकर्ता अशोक पाठक की ओर से अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह और अधिवक्ता वागीश कुमार सिंह बहस करेंगे। ... Read More
Source: Bhaskar Live
Dated: Feb 10, 2025
Solicitor General Tushar Mehta will present arguments via video conferencing on behalf of the state government, while Additional Solicitor General S.V. Raju and the state’s Additional Advocate General in the Supreme Court, Shivmangal Sharma, will be present in court. During the proceedings, the court may also consider the state government’s applications seeking permission to prosecute Dhariwal and other officials involved. The case dates back to June 29, 2011, when the Jaipur Development Authority (JDA) issued a single lease in the name of Shailendra Garg of Ganpati Construction. In 2013, Ramsharan Singh filed a complaint with the Anti-Corruption Bureau (ACB), leading to the lease’s cancellation. ... Read More
Source: Munsif News 24x7
Dated: Feb 10, 2025
The Rajasthan government, under its legal counsel, has been actively seeking approval to prosecute Dhariwal and other accused officials. Solicitor General Tushar Mehta will be arguing on behalf of the state government via video conferencing, while Additional Solicitor General S.V. Raju and Shivmangal Sharma, Rajasthan’s Additional Advocate General in the Supreme Court, will be physically present in the courtroom. Government representatives are expected to present fresh evidence and arguments to justify their request for prosecution, reinforcing allegations of corruption and administrative misconduct in the case. ... Read More
Source:
Zee Rajasthan
Dated: Feb 10, 2025
Source:
NDTV Rajasthan
Dated: Feb 10, 2025
#जयपुर : बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू
— Samachar Plus 24x7 (@SamacharPlus247) February 10, 2025
सीजे एमएम श्रीवास्तव कर रहे हैं मामले पर सुनवाई.....#jaipur #RajasthanNews #SamacharPlus #BreakingNews pic.twitter.com/ayEkfzcpAP
Source:
Samachar Plus 24x7
Dated: Feb 10, 2025
एकल पट्टा घोटाला, घोटालेबाज़ पूर्व मंत्री शान्ति धारीवाल जा सकते हैं बड़े घर pic.twitter.com/XBtKSyJr9z
— Ashok Pathak (@pathakashokbjp) February 10, 2025
Source:
Samachar Plus 24x7
Dated: Feb 10, 2025
#Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट में आज होगी सीनियर और दिग्गज अधिवक्ता के बीच बहस
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 10, 2025
बहुचर्चित एकल पट्टा मामले पर हाईकोर्ट में आज अहम सुनवाई, देश के मशहूर अधिवक्ता करेंगे आज पक्षकारों की पैरवी...#SachBedhadak #RajasthanNews #RajasthanHighCourt @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/7Ie9GFanpF
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 10, 2025
#Jaipur: एकल पट्टा मामले पर हाईकोर्ट में कल अहम सुनवाई
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 9, 2025
शांति धारीवाल के खिलाफ सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई, मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव की विशेष...#SachBedhadak #RajasthanHighCourt @Nizam_Kantaliya @RajGovOfficial pic.twitter.com/3g4gOg9KkG
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 09, 2025
#Jaipur: एकल पट्टा प्रकरण से जुड़ी बड़ी खबर
— First India News (@1stIndiaNews) February 10, 2025
जयपुर के होटल मेरियट में हुई उच्च स्तरीय मीटिंग, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू रहे मीटिंग में मौजूद...#RajasthanWithFirstIndia @navinsharmabki pic.twitter.com/2hJh1JWuyo
Source:
First India News
Dated: Feb 10, 2025
CR | #BreakingNews : बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर हाईकोर्ट में कल अहम सुनवाई
— Bharat 24 - Vision Of New India (@Bharat24Liv) February 9, 2025
शांति धारीवाल के खिलाफ सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की विशेष एकलपीठ करेगी सुनवाई
दोपहर 3.30 बजे होगी राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई
सरकार की ओर से… pic.twitter.com/RpdfRHLkPJ
Source:
Bharat 24
Dated: Feb 09, 2025
#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई
— First India News (@1stIndiaNews) February 10, 2025
अब शांति धारीवाल ने किया खुलासा, कहा-'उन्होंने कभी एंगेज नहीं किया कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम और अभिषेक मनु सिंघवी को...#RajasthanWithFirstIndia #ShantiDhariwal @vyaskamalkant pic.twitter.com/UfV0SrbKyN
Source:
1st India News
Dated: Feb 10, 2025
#जयपुर : एकल पट्टा प्रकरण की आज हाईकोर्ट में सुनवाई
— Samachar Plus 24x7 (@SamacharPlus247) February 10, 2025
पूर्व मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ मामले में है सुनवाई...#Jaipur #RajasthanNews #SamacharPlus #BreakingNews #LatestNews #TopNews pic.twitter.com/VQyn2YC080
Source:
Samachar Plus 24x7
Dated: Feb 10, 2025
#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर हाईकोर्ट में कल अहम सुनवाई
— First India News (@1stIndiaNews) February 9, 2025
शांति धारीवाल के खिलाफ सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई, मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की विशेष.... #RajasthanWithFirstIndia #JaipurNews @RajGovOfficial @vyaskamalkant @navinsharmabki pic.twitter.com/94rYYUqzpB
Source:
1st India News
Dated: Feb 09, 2025
#Jaipur बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर हाईकोर्ट में कल सुनवाई@RajGovOfficial @MaheshP54481902 #LatestNews #RajasthanNews #RajasthanWithZee pic.twitter.com/BAHA810Xwh
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) February 9, 2025
Source:
Zee Rajasthan
Dated: Feb 09, 2025
बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर आज अहम सुनवाई, सुनवाई से पहले होगी उच्च स्तरीय मीटिंग | Jaipur News#FINVideo #RajasthanWithFirstIndia #JaipurNews @vyaskamalkant pic.twitter.com/oiJ1qqtzlx
— First India News (@1stIndiaNews) February 10, 2025
Source:
1st India News
Dated: Feb 10, 2025
#Jaipur बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर HC में सुनवाई आज, सीजे MM श्रीवास्तव करेंगे मामले पर सुनवाई#LatestNews #RajasthanNews #RajasthanWithZee pic.twitter.com/cUSbc94aIw
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) February 10, 2025
Source:
Zee Rajasthan
Dated: Feb 10, 2025
#BreakingNews बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर हाईकोर्ट में सुनवाई कल, सीजे एमएम श्रीवास्तव करेंगे मामले पर सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई को लेकर हाइकोर्ट को दिए हैं निर्देश@RajGovOfficial @MaheshP54481902 #LatestNews #RajasthanNews #RajasthanWithZee pic.twitter.com/4HHlWAw5Fe
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) February 9, 2025
Source:
ZEE Rajasthan
Dated: Feb 09, 2025
#Jaipur बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर HC में सुनवाई आज#LatestNews #RajasthanNews #RajasthanWithZee pic.twitter.com/kF8ELWgaq2
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) February 10, 2025
Source:
ZEE Rajasthan
Dated: Feb 10, 2025
#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई..... pic.twitter.com/3Ok8OJLspl
— KD NEWS (@kdnewsnpr) February 10, 2025
Source:
K D News
Dated: Feb 10, 2025
#Jaipur बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज @MaheshP54481902 #LatestNews #RajasthanNews #RajasthanWithZee pic.twitter.com/ENFHBJsQtb
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) February 10, 2025
Source:
Zee News Rajasthan
Dated: Feb 10, 2025
#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर हाईकोर्ट में आज अहम सुनवाई
— First India News (@1stIndiaNews) February 10, 2025
शांति धारीवाल के खिलाफ सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई, मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की...#RajasthanWithFirstIndia #ShantiDhariwal @vyaskamalkant @navinsharmabki pic.twitter.com/UihMALZjOE
Source:
1st India News
Dated: Feb 10, 2025
Source:
First India News
Dated: Feb 10, 2025
Source: Daiji World
Dated: Feb 10, 2025
The hearing, overseen by Chief Justice M.M. Shrivastava as per the Supreme Court’s directive, could add to Dhariwal’s legal troubles, officials said. Even after 14 years, the former Minister continues to face scrutiny in the matter. Solicitor General Tushar Mehta will present arguments via video conferencing on behalf of the state government, while Additional Solicitor General S.V. Raju and the state’s Additional Advocate General in the Supreme Court, Shivmangal Sharma, will be present in court. ... Read More
Source: Bhaskar
Dated: Feb 10, 2025
सरकार ने एसीबी कोर्ट के इस आदेश को भी स्वीकार कर लिया है जिसमें पूर्व आईएएस जीएस संधू, निष्काम दिवाकर व ओंकारमल सैनी की अभियोजन वापस लेने वाली अर्जी खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट में एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा ने बताया कि अर्जियों में कहा है कि ट्रायल कोर्ट में दायर क्लोजर रिपोर्टस अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थीं। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Feb 10, 2025
मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव इन याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव स्वयं इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य सरकार की ओर से पैरवी करेंगे। वहीं, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू व सुप्रीम कोर्ट में राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा भी राज्य सरकार की ओर से पैरवी के लिए कोर्ट में मौजूद रहेंगे। इसी दौरान राज्य सरकार के उन प्रार्थना पत्रों पर भी सुनवाई हो सकती है, जिसमें सरकार ने कहा है कि वह धारीवाल व अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहती है। ... Read More
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Feb 10, 2025
इस केस की सुनवाई में दोनों पक्षों के दिग्गज वकील पैरवी करेंगे. राज्य सरकार की ओर सेसॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG), एसवी राजू, एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) शिवमंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा रहेंगे. जबकि शांति धारीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद दलीलें देंगे. एक्टिविस्ट अशोक पाठक की ओर से एडवोकेट आशीष कुमार सिंह एडवोकेट वागीश कुमार सिंह पैरवी करेंगे. ... Read More
Source: Zee News Rajasthan
Dated: Feb 10, 2025
मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव 6 याचिकाओं पर आज सुनवाई करने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव स्वयं इस मामले की सुनवाई करने वाले हैं. सुनवाई के दौरान देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य सरकार की ओर से अपनी पैरवी करेंगे. जबकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू व सुप्रीम कोर्ट में राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा भी राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने के लिए हाई कोर्ट में मौजूद रहेंगे. इसी दौरान राज्य सरकार के उन प्रार्थना पत्रों पर भी सुनवाई की जा सकती है, जिसमें सरकार ने कहा है कि वह धारीवाल व अन्य के खिलाफ मुकदमा करना चाहती है. ... Read More
Source: Sach Bedhadak
Dated: Feb 05, 2025
Ekal Patta Case: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में हुए भ्रष्टाचार के मामले में सोमवार को राजस्थान सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट की जयपुर पीठ में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा के जरिए राजस्थान सरकार कि ओर से पेश कि गयी याचिका में इस मामले की फिर से व्यापक जांच की अनुमति मांगी गयी है. सोमवार को दोपहर 3.30 बजे मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव इस मामले की सुनवाई करेंगे. मामले कि सुनवाई के लिए ही विशेष रूप से मुख्य न्यायाधीश की एकलपीठ गठित कि गयी है. ... Read More
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 05, 2025
Source: Samachar Nama
Dated: Feb 07, 2025
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिव मंगल शर्मा और विशिष्ट लोक अभियोजक (एसपीपी) अनुराग शर्मा द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत में दायर क्लोजर रिपोर्ट, जिसके आधार पर पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और अन्य को बरी किया गया था, अधूरी और त्रुटिपूर्ण साक्ष्य जांच पर आधारित थी। 10 फरवरी को सुनवाई संभव है। राजस्थान सरकार ने भारत के सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. से कानूनी सहायता मांगी गई है। राजू और अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिव मंगल शर्मा को नियुक्त किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मामले की सुनवाई 10 फरवरी को राजस्थान हाईकोर्ट में हो सकती है। ... Read More
Source: Lok Jeewan
Dated: Feb 06, 2025
अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा की सरकार की ओर से दायर याचिका में कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्ट्स, जिनके आधार पर पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और अन्य को बरी कर दिया गया था वह अधूरी और दोषपूर्ण साक्ष्य जांच पर आधारित थी। राजस्थान सरकार ने मामले में कानूनी सहायता के लिए भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा को नियुक्त किया है। जानकारी के मुताबिक 10 फरवरी को इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है। ... Read More
Source: India News
Dated: Feb 06, 2025
ऐसे में, इस मामले में कानूनी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए राजस्थान सरकार ने भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा को नियुक्त किया है। साथ ही, विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा को भी कानूनी सहायता के लिए शामिल किया गया है। जानकारी के अनुसार, 10 फरवरी को राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो सकती है। सरकार की इस पहल से साफ है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। ... Read More
Source: Public Saathi
Dated: Feb 06, 2025
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक (SPP) अनुराग शर्मा ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि क्लोजर रिपोर्ट अधूरी और दोषपूर्ण साक्ष्य के आधार पर तैयार की गई थी, जिसके चलते न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हुई। सरकार ने इस मामले में कानूनी सहायता के लिए भारत के सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एस.वी. राजू और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा को नियुक्त किया है। इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई 10 फरवरी को राजस्थान हाईकोर्ट में होने की संभावना है। ... Read More
Source: Rajasthan Khabre
Dated: Feb 06, 2025
मीडिया रिपोटर्स की माने तो राजस्थान सरकार ने मामले में कानूनी सहायता के लिए भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा को नियुक्त किया है। जानकारी के मुताबिक 10 फरवरी को इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है। बता दें कि तत्कालीन गहलोत सरकार के कार्यकाल में 29 जून 2011 को जयपुर विकास प्राधिकरण ने गणपति कंस्ट्रक्शन के मालिक शैलेन्द्र गर्ग के नाम पट्टा जारी किया था। इस मामले को लेकर आरोप लगाया गया कि इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। पुराने रिजेक्शन की जानकारी जुटाए बिना ही नया पट्टा जारी किया गया है। ... Read More
Source: Punjab Kesari
Dated: Feb 06, 2025
राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक (SPP) अनुराग शर्मा ने इस याचिका को अंतिम रूप दिया है। याचिका में यह दावा किया गया है कि पूर्व में दायर क्लोजर रिपोर्ट अधूरी थी और जांच में गंभीर चूक हुई थी। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आरएस राठौड़ की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने इस मामले की समीक्षा कर कई गंभीर खामियों को उजागर किया था। रिपोर्ट में कहा गया कि महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ठोस सबूतों की अनदेखी की गई थी, जिससे क्लोजर रिपोर्ट संदेह के घेरे में आ गई। ... Read More
Source: Samachar Jagat
Dated: Feb 06, 2025
खबरों के अनुसार, अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिव मंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अनुराग शर्मा ने इन अर्जियों को अंतिम रूप देते हुए उच्च न्यायालय में फिर से व्यापक जांच की अनुमति के लिए याचिका दायर कर दी है। भजनलाल सरकार की ओर से अब इस अर्जी में दावा किया गया है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोट्र्स, जिनके आधार पर पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और अन्य को बरी कर दिया गया था वह अधूरी और दोषपूर्ण साक्ष्य जांच पर आधारित थीं। ... Read More
Source: Lallu Ram
Dated: Feb 06, 2025
अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक (SPP) अनुराग शर्मा ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर यह तर्क दिया कि ट्रायल कोर्ट में दायर क्लोजर रिपोर्ट, जिसके आधार पर पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और अन्य को बरी किया गया था, अधूरी और दोषपूर्ण जांच पर आधारित थी। सरकार ने अपनी याचिका में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर.एस. राठौड़ की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कई गंभीर खामियों की ओर इशारा किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ठोस सबूतों की अनदेखी की गई थी, जिससे भ्रष्टाचार के आरोपों की पूरी जांच नहीं हो सकी। ... Read More
Source: Rashtra Doot
Dated: Feb 06, 2025
राज्य सरकार एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा ने बताया कि इन अर्जियों में कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्टस अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थीं और इसके चलते ही पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को मामले को सुनवाई करेगी। में राहत मिली थी। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Feb 06, 2025
प्रार्थना पत्र में कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर.एस. राठौड़ की उच्चस्तरीय समिति ने मामले की समीक्षा कर प्रारंभिक रिपोर्ट में जांच से संबंधित कई गंभीर खामियां उजागर की। क्लोजर रिपोर्ट में महत्वपूर्ण दस्तावेजों व ठोस सबूतों की अनदेखी की गई। राज्य सरकार इन त्रुटियों को दूर कर भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना चाहती है। हाईकोर्ट में अब सरकार की ओर से केन्द्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू तथा राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा पैरवी करेंगे। ... Read More
Source: Amar Ujala
Dated: Feb 06, 2025
अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक (SPP) अनुराग शर्मा की सरकार की ओर से दायर याचिका में कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्ट्स, जिनके आधार पर पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और अन्य को बरी कर दिया गया था वह अधूरी और दोषपूर्ण साक्ष्य जांच पर आधारित थी। राजस्थान सरकार ने मामले में कानूनी सहायता के लिए भारत के सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एस.वी. राजू और अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा को नियुक्त किया है। जानकारी के मुताबिक 10 फरवरी को इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है। ... Read More
Source: Hindusthan Samachar
Dated: Feb 05, 2025
राज्य सरकार एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा ने बताया कि इन अर्जियों में कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्टस अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थी और इसके चलते ही पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को मामले में राहत मिली थी। इसके अलावा मामले में जांच के लिए गठित हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस राठौड की कमेटी ने भी इस मामले की समीक्षा कर रिपोर्ट दी है। जिसमें कई नए तथ्यों का खुलासा किया गया है। ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Feb 06, 2025
The application seeking comprehensive reinvestigation of the case was moved by additional advocate general Shiv Mangal Sharma and special public prosecutor Anurag Sharma. The govt petition contends that closure reports filed by ACB in 2019-2021 exonerating former minister Shanti Dhariwal and others were based on inadequate evidence examination. ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Feb 06, 2025
सरकार ने एसीबी कोर्ट के इस आदेश को भी स्वीकार कर लिया है जिसमें पूर्व आईएएस जीएस संधू, निष्काम दिवाकर व ओंकारमल सैनी की अभियोजन वापस लेने वाली अर्जी खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट में एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा ने बताया कि अर्जियों में कहा है कि ट्रायल कोर्ट में दायर क्लोजर रिपोर्टस अधुरी व दोषपूर्ण स्राक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थीं। ... Read More
Source: ETV Bharat Rajasthan
Dated: Feb 05, 2025
राज्य सरकार एएजी शिवमंगल शर्मा व विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा ने बताया कि इन अर्जियों में कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्टस अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थी और इसके चलते ही पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को मामले में राहत मिली थी. इसके अलावा मामले में जांच के लिए गठित हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस राठौड़ की कमेटी ने भी इस मामले की समीक्षा कर रिपोर्ट दी है. इसमें कई नए तथ्यों का खुलासा किया गया है. ऐसे में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने में गंभीर चूक हुई थी, जिससे महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ठोस सबूतों की अनदेखी की गई, इसलिए राज्य सरकार ने इन गलतियों को सुधारने व भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है. ... Read More
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Feb 05, 2025
अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक (SPP) अनुराग शर्मा ने इन अर्जियों को अंतिम रूप दिया और राजस्थान हाई कोर्ट में फिर से व्यापक जांच की अनुमति के लिए याचिका दायर की. सरकार की अर्जी में यह दावा किया गया है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्ट्स, जिनके आधार पर पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और अन्य को बरी कर दिया गया था वह अधूरी और दोषपूर्ण साक्ष्य जांच पर आधारित थीं. ... Read More
Source: Hindustan Times
Dated: Feb 02, 2025
On January 8, the court also extended its stay on the attach ment of the Bikaner House after noting that the Nokha municipal corporation has deposited part of the arbitral award in the form of a fixed deposit in the name of the district judge of the commer cial court," said the additional advocate general of Rajasthan. Shiv Mangal Sharma, who was representing the state govern-ment ... Read More
#Delhi: भजनलाल सरकार की बड़ी कानूनी जीत
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 1, 2025
दिल्ली का बीकानेर हाउस हुआ कुर्की से मुक्त, पटियाला हाउस ने किया बीकानेर हाउस की कुर्की को रद्द, राज्य सरकार की याचिका...#SachBedhadak @BhajanlalBjp @RajGovOfficial @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/KkblWxuiWv
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 01, 2025
दिल्ली का बीकानेर हाउस हुआ कुर्की से मुक्त, भजनलाल सरकार की बड़ी कानूनी जीत | Delhi News#SBVideo @BhajanlalBjp #SachBedhadak #Delhi pic.twitter.com/okNujqI4Lb
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 1, 2025
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Feb 01, 2025
Source: Bhaskar
Dated: Feb 02, 2025
दिल्ली में राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया- कॉमर्शियल कोर्ट ने बिना सरकार का पक्ष सुने सितंबर में एकतरफा कुर्की आदेश जारी किया था। आदेश की जानकारी सामने आने के बाद सरकार ने तुरंत प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया- हमने कॉमर्शियल कोर्ट में रिकॉल एप्लिकेशन दायर करके सरकार का पक्ष सुनने का आग्रह किया। सरकार का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने बीकानेर हाउस की कुर्की आदेश पर रोक लगा दी थी। वहीं अब अदालत ने पूरी तरह से बीकानेर हाउस को कुर्की आदेश से मुक्त कर दिया हैं। ... Read More
Source: Bharat Express
Dated: Feb 02, 2025
पटियाला हाउस कोर्ट ने राजस्थान के नगरपालिका नोखा के खिलाफ मध्यस्थता मामले में एक कंपनी के पक्ष में 92 लाख रुपए जारी करने का आदेश दिया है. हालांकि नगरपालिका नोखा ने पिछले माह यह रकम कोर्ट में जमा करा दी थी. पिछली सुनवाई में राजस्थान सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल शिवमंगल शर्मा ने कहा था कि नोखा नगर पालिका के पास बीकानेर हाउस का मलिकाना हक नहीं है, कोर्ट को गलत जानकारी दी गई थी, राजस्थान सरकार के पास बीकानेर हाउस का मलिकाना हक है. ... Read More
Source: Press Vani
Dated: Feb 02, 2025
राजस्थान सरकार को बीकानेर हाउस के मामले में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से बडी राहत मिली है। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा द्वारा दायर याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर बीकानेर हाउस की कुर्की रद्द करते हुए राज्य सरकार को राहत प्रदान की। इस प्रकार, ऐतिहासिक धरोहर बीकानेर हाउस राज्य सरकार के नियंत्रण में बना रहेगा। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Feb 02, 2025
Bikaner House: राजस्थान सरकार को बीकानेर हाउस को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट से ऐतिहासिक कानूनी जीत मिली है। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा द्वारा दायर याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और बीकानेर हाउस की कुर्की को रद्द करते हुए राज्य सरकार को राहत प्रदान की। राजस्थान की ऐतिहासिक धरोहर बीकानेर हाउस अब सरकारी नियंत्रण में बनी रहेगी। ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Feb 02, 2025
The govt was neither a party to the dispute nor was it heard before the attachment order was passed, the govt said. "Upon learning about the wrongful attachment of Bikaner House, we (state govt) immediately filed an application before the same court," additional advocate general (AAG) Shiv Mangal Sharma told TOI. ... Read More
Source: Raj Daily News
Dated: Jan 29, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- प्रमोशन वैध सुप्रीम कोर्ट मे अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया- आज सुप्रीम कोर्ट ने एसोसिएशन के दावे को निराधार माना और यह स्पष्ट किया कि IAS (भर्ती) नियम, 1954 के तहत यह पदोन्नतियां पूरी तरह से वैध है। उन्होंने कहा- सरकार नियमों के तहत ही नॉन आरएएस से आईएएस में प्रमोशन कर रही थी। नियमों में साफ है कि सरकार प्रमोशन के 15 प्रतिशत पदों पर नॉन आरएएस अधिकारियों का आईएएस में प्रमोशन कर सकती है। अभी तक हुए सभी प्रमोशन में सरकार ने कभी भी इस सीमा को नहीं लांघा। वहीं, शेष पदों पर आरएएस अधिकारियों को ही आईएएस में पदोन्नत किया जा रहा है। ... Read More
Source: MTTV India
Dated: Jan 31, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि IAS भर्ती नियम, 1954 के तहत नॉन RAS अधिकारियों को प्रमोशन देना पूरी तरह वैध है। उन्होंने बताया कि सरकार नियमों का पालन करते हुए केवल 15% पदों पर ही नॉन RAS अधिकारियों का प्रमोशन कर रही है। इस सीमा को कभी भी पार नहीं किया गया। शेष IAS पदों पर केवल RAS अधिकारियों को ही प्रमोट किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की इस प्रक्रिया को सही माना और RAS एसोसिएशन की याचिका को निराधार करार दिया। ... Read More
Source: ETV Bharat Rajasthan
Dated: Jan 31, 2025
राज्य सरकार के एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब गैर आरएएस सेवा वाले अफसरों की आईएएस सेवा में पदोन्नति पर भी सर्वोच्च अदालत की अंतिम स्वीकृति मिल गई है. दरअसल आरएएस एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने गैर आरएएस सेवा से आईएएस सेवा में पदोन्नति का रास्ता साफ करके इस पर लगी रोक हटा दी थी. इसके साथ ही पदोन्नति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली आरएएस एसोसिएशन पर पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाते हुए याचिका को खारिज कर दिया था. ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Jan 29, 2025
सुप्रीम कोर्ट मे अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया- आज सुप्रीम कोर्ट ने एसोसिएशन के दावे को निराधार माना और यह स्पष्ट किया कि IAS (भर्ती) नियम, 1954 के तहत यह पदोन्नतियां पूरी तरह से वैध है। उन्होंने कहा- सरकार नियमों के तहत ही नॉन आरएएस से आईएएस में प्रमोशन कर रही थी। नियमों में साफ है कि सरकार प्रमोशन के 15 प्रतिशत पदों पर नॉन आरएएस अधिकारियों का आईएएस में प्रमोशन कर सकती है। ... Read More
#Delhi: गैर RAS से IAS में पदोन्नति से जुड़ा प्रकरण
— First India News (@1stIndiaNews) January 31, 2025
सुप्रीम कोर्ट से भी RAS एसोसिएशन की SLP खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को रखा बरकरार..... #FirstIndiaNews #IAS #SupremeCourt @vyaskamalkant pic.twitter.com/eqNhiyv1rC
Source:
First India News
Dated: Jan 26, 2025
#Jaipur: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण
— First India News (@1stIndiaNews) January 26, 2025
मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में 31 जनवरी को होगी सुनवाई, 31 जनवरी से हाईकोर्ट करेगा इस मामले पर फाइनल सुनवाई.... #RajasthanWithFirstIndia #JaipurNews @vyaskamalkant pic.twitter.com/tY5bcZtrDe
Source:
First India News
Dated: Jan 26, 2025
CR | #BreakingNews : जयपुर : बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण
— Bharat 24 - Vision Of New India (@Bharat24Liv) January 27, 2025
मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में 31 जनवरी को होगी सुनवाई
31 जनवरी से हाईकोर्ट करेगा इस मामले पर फाइनल सुनवाई
मामले में राजस्थान सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सहित
ASG एसवी राजू, AAG शिवमंगल शर्मा करेंगे पैरवी… pic.twitter.com/w2cFWriMte
Source:
Bharat 24
Dated: Jan 26, 2025
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Jan 29, 2025
करीब 11 साल पुराने एकल पट्टा मामले में हाईकोर्ट 31 जनवरी से फाइनल सुनवाई शुरू करेगा। इसे लेकर राज्य सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम उतार दी है। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू, अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा हाईकोर्ट में पैरवी करने के लिए आएंगे। वहीं, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और अन्य अधिकारियों की ओर से भी वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम पैरवी के लिए आ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हाईकोर्ट ने करीब दो महीने पहले फिर से मामले की सुनवाई शुरू की थी। ... Read More
Source: MTTV India
Dated: Jan 26, 2025
इस प्रकरण में राज्य सरकार ने अपनी ओर से सुप्रीम कोर्ट के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू, अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा और अन्य वरिष्ठ वकीलों की टीम को हाईकोर्ट में पैरवी के लिए नियुक्त किया है। दूसरी ओर, आरोपी पक्ष से पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और अन्य अधिकारियों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और पी. चिदंबरम केस लड़ सकते हैं। इन वकीलों की मौजूदगी इस केस को और भी अहम बना रही है। ... Read More
Source:
NDTV Rajasthan
Dated: Jan 24, 2025
दिल्ली HC बीकानेर हाउस विवाद की याचिका किया खारिज, जानें पूरा विवाद#BikanerHouseDispute pic.twitter.com/pAlU4hAjaa
— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) January 24, 2025
Source:
NDTV Rajasthan
Dated: Jan 23, 2025
#Jaipur: दिल्ली बीकानेर हाऊस संपति विवाद से जुड़ी बड़ी खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) January 23, 2025
दिल्ली हाईकोर्ट से राजस्थान सरकार को मिली बड़ी राहत, बीकानेर हाऊस संपति मामले में नोखा नगरपालिका की याचिका खारिज...#SachBedhadak #DelhiHighCourt pic.twitter.com/skhJdJvdvR
Source:
SachBedhadak
Dated: Jan 23, 2025
#Delhi: बीकानेर हाउस स्वामित्व विवाद
— First India News (@1stIndiaNews) January 23, 2025
दिल्ली हाईकोर्ट का निर्णय, बीकानेर हाउस राज्य सरकार की संपत्ति, नोखा नगर पालिका का संपत्ति पर नहीं कोई अधिकार...#FirstIndiaNews #DelhiHighCourt pic.twitter.com/LUXVEiXj0b
Source:
First India News
Dated: Jan 23, 2025
Source:
First India News
Dated: Jan 21, 2025
CR | #BreakingNews : सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान सरकार को राहत
— Bharat 24 - Vision Of New India (@Bharat24Liv) January 20, 2025
सरकार से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत मांगने और
उत्पीड़न से जुड़े 15 साल से अधिक पुराने मामले को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
राजस्थान सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने रखा पक्ष
हुडको निगम… pic.twitter.com/YjgPU8knvt
Source:
Bharat 24
Dated: Jan 20, 2025
#Delhi: जजों के वेतनमान से जुड़ा मामला
— First India News (@1stIndiaNews) January 21, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए दिशा-निर्देश, राजस्थान मॉडल को आधार मानते हुए सभी राज्यों को जारी किए दिशा-निर्देश...#FirstIndiaNews #SupremeCourt #RajasthanGovernment pic.twitter.com/8iKYh8Q9Q2
Source:
First India News
Dated: Jan 21, 2025
#Delhi: सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान सरकार को राहत
— First India News (@1stIndiaNews) January 21, 2025
सरकार से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत मांगने और उत्पीड़न से जुड़े 15 साल से अधिक पुराने मामले को सुप्रीम कोर्ट ने...#FirstIndiaNews #SupremeCourt pic.twitter.com/QdasyxA1lI
Source:
First India News
Dated: Jan 21, 2025
राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, हाईकोर्ट के फैसले को किया रद्द | Jaipur News#SBVideo #RajasthanNews @RajGovOfficial #SupremeCourt @Nizam_Kantaliya #Jaipur pic.twitter.com/9sBB4O6boh
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) January 15, 2025
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Jan 15, 2025
Source:
NATION 27
Dated: Jan 15, 2025
Source:
A1TV Rajasthan
Dated: Jan 16, 2025
Source: NDTV Rajsthan
Dated: Jan 15, 2025
राजस्थान राज्य, जिसे अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने तर्क दिया कि 99% भूमि मालिकों ने मुआवजा स्वीकार कर लिया था और अधिग्रहित भूमि पर उद्योग पहले से ही संचालित हो रहे थे. RIICO की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दिवान ने तर्क दिया कि अधिग्रहण को रद्द करने के गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे, क्योंकि यह क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक था. ... Read More
#Delhi: जयपुर के कूकस में औद्योगिक भूमि अधिग्रहण मामले में राजस्थान सरकार की SC में बड़ी जीत
— First India News (@1stIndiaNews) January 15, 2025
कूकस में 100 हेक्टेयर से भी अधिक भूमि अधिग्रहण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पलटा फैसला, राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए पूरे...#FirstIndiaNews #RajasthanHighCourt #SupremeCourt pic.twitter.com/xjuYvVGzJk
Source:
First India News
Dated: Jan 15, 2025
Source: ThePrint
Dated: Jan 14, 2025
Representing the state, additional advocate general Shiv Mangal Sharma informed the court that all stakeholders would be consulted before submitting a final response. Taking note of Sharma’s submissions, the bench set a three-week deadline for Rajasthan to respond to NEERI’s report and scheduled 14 February as the next hearing date. ... Read More
#Delhi: कुंभलगढ़ लक्षेला झील से जुड़ा मामला
— First India News (@1stIndiaNews) January 11, 2025
नीरी की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष राजस्थान सरकार पेश करेगी अपना जवाब, राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता.... #FirstIndiaNews #SupremeCourt pic.twitter.com/Vd9RgvjaAL
Source:
First India News
Dated: Jan 11, 2025
Source: Patrika
Dated: Jan 13, 2025
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि इस मामले में पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में रिपोर्ट का परीक्षण किया जाना जाना आवश्यक है। रिपोर्ट से इस क्षेत्र में प्रक्रियाधीन विकास कार्य और पूर्व के निर्माण प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में नीरी की रिपोर्ट के आधार पर विकास कार्यों का विभिन्न विभागों से परीक्षण कराया जाएगा। ... Read More
Source: NDTV Rajsthan
Dated: Jan 11, 2025
राजस्थान राज्य के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होकर आश्वासन दिया कि NEERI की रिपोर्ट का राज्य के संबंधित विभागों के साथ परामर्श कर पूरी तरह से परीक्षण किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट के निष्कर्षों को संबोधित करते हुए एक विस्तृत उत्तर तैयार किया जाएगा और इसे निर्धारित समय के भीतर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा. ... Read More
Source:
First India News
Dated: Jan 10, 2025
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Jan 10, 2025
Source:
A1 Bharat
Dated: Jan 10, 2025
#Delhi: राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
— First India News (@1stIndiaNews) January 10, 2025
NGT के 746.88 करोड़ की जुर्माना राशि के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, प्रकरण में सरकार की तरफ से...#FirstIndiaNews #SupremeCourt #NGT pic.twitter.com/tmEIqmYrqo
Source:
First India News
Dated: Jan 10, 2025
Source: The Times of India
Dated: Jan 11, 2025
Additional advocate general Shiv Mangal Sharma, appearing for Rajasthan, informed the apex court that the tribunal not only directed the state to deposit over Rs 113 crore of the imposed compensation within a month but also issued show-cause notices for prosecution against the chief secretary and principal secretary/additional chief secretary of urban development and housing department. ... Read More
Source: Khabar 21
Dated: Jan 11, 2025
राजस्थान सरकार का पक्ष: अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने दलील दी कि NGT का जुर्माना मनमाना है और यह राज्य के द्वारा किए गए कार्यों की अनदेखी करता है। सरकार ने बताया कि 2018 से अब तक: तरल कचरा प्रबंधन पर 4712.98 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। ठोस कचरा प्रबंधन पर 2872.07 करोड़ रुपये लगाए गए हैं। राज्य में 129 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STPs) स्थापित किए गए हैं, जिनकी कुल क्षमता 1429.38 एमएलडी है। पुराने कचरे का 66.55% उपचार किया जा चुका है। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Jan 11, 2025
राजस्थान सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि एनजीटी का जुर्माना मनमाना और राज्य के प्रयासों की अनदेखी करने वाला है। उन्होंने बताया कि राज्य ने 2018 से अब तक तरल कचरा प्रबंधन पर 4712.98 करोड़ रुपये और ठोस कचरा प्रबंधन पर 2872.07 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ... Read More
Source: Pal Pal India
Dated: Jan 11, 2025
राजस्थान सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि एनजीटी का जुर्माना मनमाना और राज्य के प्रयासों की अनदेखी करने वाला है. उन्होंने बताया कि राज्य ने 2018 से अब तक तरल कचरा प्रबंधन पर 4712.98 करोड़ रुपये और ठोस कचरा प्रबंधन पर 2872.07 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. ... Read More
Source: Bhel Daily News
Dated: Jan 10, 2025
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राजस्थान की ओर से एडमिशनल एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने बताया कि एनजीटी ने न केवल 113.10 करोड़ रुपये का भुगतान एक महीने के अंदर करने का निर्देश दिया था, बल्कि मुख्य सचिव समेत अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया है। शर्मा ने कोर्ट में दलील दी कि राजस्थान सरकार ने विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की और 129 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को 1429.38 एमएलडी की क्षमता के साथ चालू करने और पुराने कचरे का 66.55 प्रतिशत उपचार करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने के बावजूद, एनजीटी ने भारी जुर्माना लगाया। एनजीटी ने राजस्थान पर पूर्ण अनुपालन में देरी और खामियों का आरोप लगाया, लेकिन राज्य की वित्तीय बाधाओं और चल रहे प्रयासों पर ध्यान नहीं दिया। इस सब दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने जुर्माने के आदेश पर रोक लगा दी। ... Read More
Source: Samachar Nama
Dated: Jan 11, 2025
राज्य की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कहा कि एनजीटी ने न केवल एक महीने के भीतर 113.10 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है, बल्कि मुख्य सचिव और शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव/अतिरिक्त प्रधान सचिव के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की है। विकास विभाग. कार्यवाही के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए। इस निर्णय से राज्य सरकार में चिंता उत्पन्न हो गई, जो पर्यावरण नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए गंभीरता से काम कर रही थी। ... Read More
Source: Nav Bharat Times
Dated: Jan 10, 2025
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राजस्थान की ओर से एडमिशनल एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने बताया कि एनजीटी ने न केवल 113.10 करोड़ रुपये का भुगतान एक महीने के अंदर करने का निर्देश दिया था, बल्कि मुख्य सचिव समेत अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया है। शर्मा ने कोर्ट में दलील दी कि राजस्थान सरकार ने विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की और 129 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को 1429.38 एमएलडी की क्षमता के साथ चालू करने और पुराने कचरे का 66.55 प्रतिशत उपचार करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने के बावजूद, एनजीटी ने भारी जुर्माना लगाया। एनजीटी ने राजस्थान पर पूर्ण अनुपालन में देरी और खामियों का आरोप लगाया, लेकिन राज्य की वित्तीय बाधाओं और चल रहे प्रयासों पर ध्यान नहीं दिया। इस सब दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने जुर्माने के आदेश पर रोक लगा दी। ... Read More
Source: India News
Dated: Jan 10, 2025
राज्य सरकार के एडमिशनल एडवोकेट जनरल, शिव मंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि NGT ने राज्य सरकार को एक महीने के भीतर 113.10 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था, साथ ही मुख्य सचिव और शहरी विकास सचिव के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन के लिए नोटिस भी जारी किया था। शर्मा ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जैसे कि 129 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) को चालू करना और पुराने कचरे का 66.55% उपचार करना। ... Read More
Source: Bharat Express
Dated: Jan 10, 2025
राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी की तरफ से राजस्थान सरकार पर लगाए गए 746.88 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगा दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने कोर्ट को बताया कि एनजीटी ने न केवल 113.10 करोड़ रुपये का भुगतान एक महीने के अंदर करने का निर्देश दिया था, बल्कि मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था. ... Read More
Source: Lallu Ram
Dated: Jan 10, 2025
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एनजीटी ने राज्य को एक महीने के भीतर ₹113.10 करोड़ का भुगतान करने का आदेश दिया था। साथ ही, एनजीटी ने राजस्थान के मुख्य सचिव और शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया था, जिससे राज्य सरकार में चिंता का माहौल था। राज्य सरकार पर्यावरणीय नियमों के पालन में गंभीर प्रयास कर रही थी, लेकिन एनजीटी के आदेश ने इसे चुनौती दी। ... Read More
Source: NDTV
Dated: Jan 10, 2025
Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma informed that the NGT had not only directed payment of ₹113.10 crore within a month but also issued show cause notices for prosecution against the Chief Secretary and Principal Secretary/Additional Chief Secretary of Urban Development. He argued before the Supreme Court that the penalty was arbitrary and ignores significant compliance made by the state. ... Read More
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Jan 10, 2025
राज्य की ओर से पेश हुए एडमिशनल एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने बताया कि NGT ने न केवल ₹113.10 करोड़ रुपये का भुगतान एक महीने के अंदर करने का निर्देश दिया था, बल्कि मुख्य सचिव और शहरी विकास के प्रधान सचिव/अतिरिक्त मुख्य सचिव के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किए थे. इस फैसले ने राज्य सरकार में चिंता पैदा कर दी थी, जो पर्यावरणीय नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए गंभीरता से काम कर रही थी. ... Read More
Source: News 18
Dated: Jan 08, 2025
राज्य सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने शीर्ष अदालत को पूर्ण पारदर्शिता का आश्वासन देते हुए कहा कि सभी जांच रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट को यह निर्धारित करने में मदद करने के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे कि मामला सीबीआई जांच के लिए उपयुक्त है या नहीं. शर्मा ने कहा, “याचिका में दावा किया गया है कि आरोपी, जिनमें सतवीर सिंह कुड़ी और अन्य शामिल हैं, पांच बार के विधायक और पूर्व सांसद महादेव सिंह खंडेला के साथ निकटता से जुड़े थे, जिन्होंने आंतरिक राजनीतिक उथल-पुथल के बीच 2018 में गहलोत सरकार को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.” ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Jan 06, 2025
The boy fell into the borewell on Dec 9 and, despite all rescue efforts, died on Dec 11. Govt told NHRC that upon receiving its notice on Dec 12, a series of orders were issued by the chief secretary, PHED department and other agencies to ensure compliance with borewell safety protocols. Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma and advocate-on-record Sonali Gaur were appointed to represent the state and assist NHRC in the matter. Govt assured NHRC of its cooperation and readiness to implement any additional recommendations it issues. ... Read More
#Jaipur: दौसा बोरवेल हादसे के मामले में राज्य सरकार ने सौंपी रिपोर्ट
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) January 5, 2025
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मुख्य सचिव और डीजीपी ने पेश की रिपोर्ट, 9 दिसंबर को 150 फुट गहरे खुले बोरवेल में...#SachBedhadak @RajGovOfficial @Nizam_Kantaliya pic.twitter.com/j3YqXKjr2w
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Jan 05, 2025
Source: Aap Ka Rajasthan
Dated: Jan 06, 2025
सरकार की ओर से जवाब पेश करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि घटना की पहली सूचना जिला प्रशासन और पुलिस को मिली। करीब 30 मिनट में ही अधिकारी मौके पर पहुंच गए।कुछ घंटो के भीतर ही व्यापक बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और सिविल डिफेंस की टीमें विशेष उपकरणों, जैसे जेसीबी, पाइलिंग मशीन, ऑक्सीजन आपूर्ति, और निगरानी कैमरों के साथ मौके पर पहुंची। बिना रुके 56 घंटे से ज्यादा समय तक खुदाई का काम जारी रहा।बच्चे को बचाने के सभी तरह के प्रयास किए गए। लेकिन इसके बावजूद 11 दिसम्बर को बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। ... Read More
Source: Bharatpur Blog
Dated: Jan 05, 2025
सरकार की ओर से जवाब पेश करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि घटना की पहली सूचना जिला प्रशासन और पुलिस को मिली। करीब 30 मिनट में ही अधिकारी मौके पर पहुंच गए। कुछ घंटो के भीतर ही व्यापक बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और सिविल डिफेंस की टीमें विशेष उपकरणों, जैसे जेसीबी, पाइलिंग मशीन, ऑक्सीजन आपूर्ति, और निगरानी कैमरों के साथ मौके पर पहुंची। बिना रुके 56 घंटे से ज्यादा समय तक खुदाई का काम जारी रहा। बच्चे को बचाने के सभी तरह के प्रयास किए गए। लेकिन इसके बावजूद 11 दिसम्बर को बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। दौसा के बाद हुई कोटपूतली में घटना ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Jan 05, 2025
सरकार की ओर से जवाब पेश करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि घटना की पहली सूचना जिला प्रशासन और पुलिस को मिली। करीब 30 मिनट में ही अधिकारी मौके पर पहुंच गए। कुछ घंटो के भीतर ही व्यापक बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और सिविल डिफेंस की टीमें विशेष उपकरणों, जैसे जेसीबी, पाइलिंग मशीन, ऑक्सीजन आपूर्ति, और निगरानी कैमरों के साथ मौके पर पहुंची। बिना रुके 56 घंटे से ज्यादा समय तक खुदाई का काम जारी रहा। ... Read More
Source: Hindusthan Samachar
Dated: Jan 04, 2025
इस मामले में राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व राज्य के एएजी शिवमंगल शर्मा पैरवी कर रहे हैं। एएजी शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से जेल के लिए 17,800 वर्ग मीटर क्षेत्र को बनाए रखने और कैदियों को स्थानांतरित करने के लिए 14,940 वर्ग मीटर क्षेत्र का प्रस्ताव दिया है। जबकि 22,232.33 वर्ग मीटर क्षेत्र को हॉस्पिटल बनाने के लिए रिजर्व किया है। राज्य सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया है कि जब तक कैदियों का स्थानांतरण पूरा नहीं हो जाता तब तक मौजूदा संरचनाओं को नहीं तोड़ा जाएगा। ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Jan 05, 2025
State of Rajasthan, represented by Solicitor General Tushar Mehta and Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, proposed retaining 17,800 square metres (marked in green) for the jail and reallocating 14,940 square metres (marked in blue) for relocating inmates. The contested 22,232.33 square metres (marked in red) was earmarked for hospital construction. The govt assured the court that no existing structures housing inmates would be demolished until their relocation is completed. ... Read More
Source: ETV Bharat Rajasthan
Dated: Jan 04, 2025
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने ओपन जेल परिसर में सेटेलाइट हॉस्पिटल बनाए जाने को चुनौती देने पर पिछली सुनवाई को रजिस्ट्रार को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर मौका मुआयना रिपोर्ट देने के लिए कहा था. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व राज्य के एएजी शिवमंगल शर्मा पैरवी कर रहे हैं. एएजी शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से जेल के लिए 17,800 वर्ग मीटर क्षेत्र को बनाए रखने और कैदियों को स्थानांतरित करने के लिए 14,940 वर्ग मीटर क्षेत्र का प्रस्ताव दिया है. जबकि 22,232.33 वर्ग मीटर क्षेत्र को हॉस्पिटल बनाने के लिए रिजर्व किया है. राज्य सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया है कि जब तक कैदियों का स्थानांतरण पूरा नहीं हो जाता, तब तक मौजूदा संरचनाओं को नहीं तोड़ा जाएगा. ... Read More
Source: First India
Dated: Jan 04, 2025
The case, presented by Solicitor General Tushar Mehta and Additional Advocate General Shivmangal Sharma, challenged High Court's order. The dispute arose due to delays in land allocation and in-sufficient land given to displaced resi-dents in Ra-jasthan's In-dira Gan-dhi Canal Colony. ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Jan 04, 2025
AAG Shiv Mangal Sharma filed an urgent SLP emphasising the dire necessity for intervention before the high court's next hearing, which was scheduled for Jan 7, 2025. The Himachal Pradesh High Court's interim order dated Dec 4, 2024, mandated the personal appearance of the Chief Secretary if specific land in Ganganagar, Rajasthan, was not allotted to the respondent, Kaushalya Devi. ... Read More
CR| #BreakingNews दिल्ली: हिमाचल प्रदेश (पोंग डैम) निर्माण के कारण विस्थापितों को भूमि आवंटन प्रकरण
— Bharat 24 - Vision Of New India (@Bharat24Liv) January 3, 2025
राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
राजस्थान के मुख्य सचिव को मामले में व्यक्तिगत उपस्थित होने के आदेश पर लगाई रोक
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के द्वारा राजस्थान मुख्य सचिव… pic.twitter.com/FcqNGIRhOq
Source:
Bharat 24 - Vision Of New India
Dated: Jan 03, 2025
#Delhi: हिमाचल प्रदेश (पोंग डैम) निर्माण के कारण विस्थापितों को भूमि आवंटन प्रकरण
— First India News (@1stIndiaNews) January 3, 2025
राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, राजस्थान के मुख्य सचिव को मामले में व्यक्तिगत उपस्थित होने के आदेश पर...#FirstIndiaNews #SupremeCourt pic.twitter.com/EFILXmQXXh
Source:
First India News
Dated: Jan 03, 2025